Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 09:07 AM
मनीमाजरा से मौली जागरां के बीच खुले में बहते बरसाती नाले में गंदे पानी व कूड़े के इकट्ठा होने के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ म्यूनिसिपल कोरपोरेशन के कमिश्नर को समन किया है।
चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : मनीमाजरा से मौली जागरां के बीच खुले में बहते बरसाती नाले में गंदे पानी व कूड़े के इकट्ठा होने के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ म्यूनिसिपल कोरपोरेशन के कमिश्नर को समन किया है। उन्हें सवालों के जवाब देने के लिए केस की अगली सुनवाई पर हाजिर होने के लिए कहा गया है। गमदुर सिंह की चंडीगढ़ प्रशासन व अन्यों को पार्टी बनाते हुए दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं।
केस की सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी संदीप मोडगिल ने हाईकोर्ट को बताया कि मुद्दे को हल करने के लिए कोरपोरेशन द्वारा कदम नहीं उठाए गए हैं। कहा गया कि गंदे पानी और कूड़े से बीमारियां फैलने का खतरा है, इसके बावजूद कोरपोरेशन ढीला रवैया अपनाया हुए है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कोरपोरेशन द्वारा आवश्यक दस्तावेज उन्हें सुनवाई से सिर्फ एक दिन पहले मुहैया करवाए गए थे। ऐसे में साइट का विजिट करने के बाद ही कोर्ट को जानकारी दे पाएगें। इसके लिए समय की मांग की गई। अब केस की अगली सुनवाई जनवरी में होगी।
जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ था कोर्ट :
इससे पहले हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर एक वरिष्ठ अफसर को पूछा था कि क्या खुले बरसाती नाले में कूड़ा इकट्ठा होने व गंदे पानी की समस्या से स्थाई रूप से निजाद पाने के कदम उठाए गए हैं। कोई स्पष्ट जवाब न बताते हुए कहा गया था कि अस्थाई रुप से इसे साफ कर दिया गया है।
कोर्ट ने इस जवाब से संतुष्टि नहीं दिखाई थी। इस स्थिति में यू.टी. के सीनियर स्टैंडिंग कांऊसिल सुवीर सहगल ने कोर्ट को बताया था कि इस मुद्दे पर एम.सी. अफसरों की एक संयुक्त मीटिंग की जाएगी, वहीं उसके बाद स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाएगी। हाईकोर्ट ने कहा था कि समस्या के स्थाई समाधान के लिए कुछ आधुनिक तकनीकें भी अपनाई जा सकती हैं।