शहर का दूसरा सिक्स-ए-साइड हॉकी सैंटर तैयार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jul, 2017 09:06 PM

hockey stadium

खेल विभाग की ओर से शहर में दूसरा सिक्स-ए-साइड हॉकी सैंटर तैयार कर लिया गया है। यह सैंटर सैक्टर-18 हॉकी स्टेडियम में बनाया गया है। इस पर 4 लाख रुपए खर्च किए हैं। इस सिक्स-ए-साइड सैंटर के बनने से शहर का दूसरा सिक्स-ए-साइड सैंटर तैयार किया गया है।

चंडीगढ़(लल्लन) : खेल विभाग की ओर से शहर में दूसरा सिक्स-ए-साइड हॉकी सैंटर तैयार कर लिया गया है। यह सैंटर सैक्टर-18 हॉकी स्टेडियम में बनाया गया है। इस पर 4 लाख रुपए खर्च किए हैं। इस सिक्स-ए-साइड सैंटर के बनने से शहर का दूसरा सिक्स-ए-साइड सैंटर तैयार किया गया है। 

 

इस सैंटर पर जहां युवा खिलाडिय़ों को अभ्यास करने का मौका मिलेगा, वहीं हॉकी लीग के दौरान शहर में होने वाले मैचों में भाग लेने वाली टीमें भी इस सैंटर में अभ्यास कर सकेंगी। इससे पहले खेल विभाग का एकमात्र सिक्स-ए-साइड सैंटर सैक्टर-42 में था, जहां पर अकादमी, फोर्सेज व सर्विसेज की टीमों के खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। इसके कारण स्कूल नैशनल व स्टेट स्तर पर खेलने वाले खिलाडिय़ों को एस्ट्रो टर्फ पर अभ्यास करने का मौका नहीं मिलता था। 

 

शहर के युवा खिलाडिय़ों को एस्ट्रो टर्फ पर अयास करने का मौका नहीं मिलता था, क्योंकि विभाग के पास सिर्फ एक ही अभ्यास करने के लिए सिक्स-ए-साइड सैंटर था। इसके कारण इंटर स्कूल खेलने वाले खिलाडिय़ों को अयास के लिए ग्रास मैदान का ही सहारा लेना पड़ता था। इस कारण इनका प्रदर्शन नैशनल स्तर पर बेहतर नहीं होता था। यही नहीं, एसोसिएशनों की ओर से आयोजित मुकाबले भी एस्ट्रो टर्फ पर ही खेले जा रहे थे। लेकिन शहर के युवा व नन्हे खिलाडिय़ों का अभ्यास न होने के कारण वह प्रतियोगिताओं में फिसड्डी साबित हो रहे थे।

 

क्या कहते हैं खिलाड़ी :
डी.ए.वी. स्कूल के छात्र रोहन मंडल का कहना है कि वह पिछले 3 सालों से हॉकी खेल रहे हैं लेकिन अभी तक वह ग्रास मैदान पर ही अभ्यास करते थे। लेकिन खेल विभाग की ओर से बनाए गए सिक्स-ए-साइड सैंटर को लेकर खुशी जताते हुए रोहन ने कहा कि इससे युवा खिलाडिय़ों को सुविधा होगी। 

 

3 स्कूल नैशनल प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके डी.ए.वी.-8 के 12वीं कक्षा के छात्र जावेद का कहना है कि सिक्स-ए-साइड सैंटर को एस्ट्रो टर्फ बनाने से खिलाडिय़ों को बहुत फायदा होगा। उन्होंने कहा कि ग्रास मैदान पर गेंद को पास करके गोल नहीं कर सकते जबकि एस्ट्रो टर्फ पर आप पास द्वारा भी गोल दाग सकते हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रास के हॉकी मैदान पर गेंद को कंट्रोल करना काफी मुश्किल होता है जबकि एस्ट्रो टर्फ पर गेंद को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। 

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