IAS बोला भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों से हैं मुझे जान का खतरा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2017 07:31 AM

ias voices corrupt police officers are dangers

पंजाब पुलिस के डी.जी.पी. ऑफिस के आई.टी. विभाग से 2 हजार पुलिस मुलाजिमों के भर्ती रिकॉर्ड समेत अन्य अहम फाइलों के गुम होने के मामले में 4 महीने बीतने के बाद भी सैक्टर-3 थाना पुलिस फाइलें चोरी करने वाले आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी है।

चंडीगढ़ (विनोद): पंजाब पुलिस के डी.जी.पी. ऑफिस के आई.टी. विभाग से 2 हजार पुलिस मुलाजिमों के भर्ती रिकॉर्ड समेत अन्य अहम फाइलों के गुम होने के मामले में 4 महीने बीतने के बाद भी सैक्टर-3 थाना पुलिस फाइलें चोरी करने वाले आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी है। इस बीच पंजाब पुलिस के आई.टी. एंड टी. विभाग के हैड ऑफिस में तैनात अफसरों पर कथित रूप से भ्रष्टाचार में लिप्त होने के संगीन आरोप लगाते हुए इसी डिपार्टमैंट में तैनात ए.एस.आई. सतनाम सिंह बाजवा ने कहा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों से उसे जान का खतरा है लेकिन वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखेगा। बाजवा ने चंडीगढ़ पुलिस हैडक्वार्टर की पब्लिक विंडो में 28 फरवरी, 2017 को शिकायत दी थी जिसे एस.पी. (लॉ एंड ऑर्डर) को मार्क कर दिया गया है। बाजवा ने डी.जी.पी. यू.टी. तेजिंद्र सिंह लूथरा, एस.एस.पी. यू.टी., सैक्टर-3 थाना एस.एच.ओ. और पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी शिकायत में भ्रष्टाचार से जुड़े पंजाब पुलिस अफसरों से अपनी जान का खतरा बताया है। 


 

10 साल से भ्रष्टाचार की शिकायतें, मगर कार्रवाई नहीं
डी.जी.पी. को दी शिकायत में ए.एस.आई. बाजवा ने कहा है कि वह पिछले 10 सालों से गुहार लगा रहे हैं कि पंजाब पुलिस के इंर्फोमेशन टैक्नॉलोजी एंड टैली कम्युनिकेशन डिपार्टमैंट के मुख्य दफ्तर में घपले हैं। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। मुख्य दफ्तर इस समय भ्रष्टाचारियों, रिश्वतखोरों, चोरों, लुटेरों, जालसाजों और धोखेबाज अधिकारियों का सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। विभाग से जुड़ी 2 हजार मुलाजिमों की फाइलें गुम होने के मामले में ए.डी.जी.पी. (इंफोर्मेशन टैक्नॉलोजी एंड टैली कम्युनिकेशन) की तरफ से एस.एस.पी. यू.टी. को दी शिकायत पर सैक्टर-3 थाना पुलिस ने इसी वर्ष 17 फरवरी को चोरी की धारा में केस दर्ज किया था। अभी तक पुलिस अपराधियों को नहीं पकड़ पाई है। इस मामले को पंजाब केसरी द्वारा प्रमुखता से उठाया गया था। यू.टी. पुलिस ने संबंधित डिपार्टमैंट में जाकर फाइलों की कस्टडी आदि के रूप में जानकारी प्राप्त की थी। मामले में एक ओर जहां सैक्टर-3 थाना एस.एच.ओ. ने खुद को व्यस्त बताते हुए फोन काट दिया, वहीं डी.एस.पी. रामगोपाल ने ज्यादा कुछ न बताते हुए कहा कि जांच की जा रही है। 

 

रिश्वत न देने पर मेरा रिकॉर्ड भी किया गायब
शिकायतकर्ता  का आरोप है कि रिकॉर्ड चोरी को लेकर सैक्टर-3 थाने में 17 फरवरी को दर्ज एफ.आई.आर. के संबंध में वह लिखित बयान दे चुके हैं कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा उसका निजी रिकॉर्ड भी चोरी कर खुर्द-बुर्द कर दिया गया है। शिकायत करने वाले ए.एस.आई. का दावा है कि रिकॉर्ड चोरी करने वाले आरोपियों में कुछ अधिकारियों के नाम भी बाकायदा दर्ज किए गए थे, जिस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। कुछ केसों के सिलसिले में ए.आई.जी. और डी.एस.पी. रैंक के दो अफसरों पर लाखों रुपए की रिश्वत के आरोपों को उजागर कर चुके हैं इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

 

डिपार्टमैंट में हुई फर्जी भर्तियों में साजिश में शामिल अधिकारियों को बचने के लिए साजिश रचने के आरोप भी शिकायत में लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता  द्वारा डिपार्टमैंट से आर.टी.आई. के जरिए मांगी गई जानकारियों का रिकार्ड न होने की बात कही गई थी क्योंकि उक्त रिकार्ड में सारे काले चिट्ठा का खुलासा होना था, जिन्हें रिकॉर्ड से गायब करवा दिया गया है। शिकायतकत्र्ता बाजवा ने कहा है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम जारी रखेगा और अगर इस दौरान उसे या उसके परिवार को कोई नुक्सान पहुंचता है तो उसका जिम्मा पंजाब पुलिस का होगा।  


 

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