डाक्टर्स के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में आई.एम.ए. डाक्टर्स का कल उपवास

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Oct, 2017 09:16 PM

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चंडीगढ़ आई.एम.ए. के डॉक्टर 2 अक्तूबर को देश भर में डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में सत्याग्रह कर एक दिन का उपवास रखेंगे। डाक्टर्स का यह विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ भी होगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने डाक्टर्स की लंबित पड़ी मांगों को अभी तक...

चंडीगढ़, (पाल): चंडीगढ़ आई.एम.ए. के डॉक्टर 2 अक्तूबर को देश भर में डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में सत्याग्रह कर एक दिन का उपवास रखेंगे। डाक्टर्स का यह विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ भी होगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने डाक्टर्स की लंबित पड़ी मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया है। एक्शन कमेटी के चेयरमैन आर.एस. बेदी की मानें तो आज डॉक्टरों के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो गया है।

अस्पतालों और क्लीनिक्स में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं, लेकिन मरीजों के साथ आए लोग ये नहीं समझते। इलाज में थोड़ी सी देरी होने या किसी दवा से एलर्जी होने पर ये लोग डॉक्टर्स के साथ मारपीट तक कर देते हैं। वहीं सरकार भी डॉक्टरों का साथ नहीं दे रही। कई मामलों में डॉक्टरों को लाखों रुपए मुआवजा तक देना पड़ जाता है।

जिसकी वजह से स्टूडैंट्स का मैडीकल क्षेत्र में रुझान कम हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक शहर में 28 नर्सिंग होम थे लेकिन आज 20 रह गए हैं जिससे पता चलता है कि डॉक्टरों की क्या स्थिति है।

नैक्स्ट परीक्षा को किया जाए खत्म

आई.एम.ए. के पूर्व प्रैजीडैंट डा. नीरज अग्रवाल ने कहा कि आज जो स्टूडैंट्स इतनी परीक्षाओं को पास करके एम.बी.बी.एस.की डिग्री प्राप्त करता है। उसे एम.बी.बी.एस. के बाद नैक्स्ट की परीक्षा भी पास करनी पड़ती है। जिसका कोई मतलब नहीं बनता। दूसरी ओर आयुर्वेद में डिग्री करने वाले छात्र किसी भी डॉक्टर के पास एक साल काम करके एलोपैथी में प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। सरकार की नीति बिल्कुल गलत है जिसे खत्म करने की जरूरत हैं।

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