Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 11:29 AM
पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) की शुक्रवार को जनरल बॉडी की बैठक हुई।
चंडीगढ़ (हंस): पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) की शुक्रवार को जनरल बॉडी की बैठक हुई। पी.यू. के अंग्रेजी ऑडिटोरियम में आयोजित आम सभा में पूटा सचिव प्रो. जे.के. गोस्वामी ने पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन देते हुए पूटा द्वारा की गई पहल और उपलब्धियों पर चर्चा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि पी.यू.को सैंट्रल यूनिवर्सिटी बनना चाहिए। तभी पी.यू. की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
पी.यू.की आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिए इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। वहीं टी-वन फ्लैटस जल्द ही शिक्षकों को अलॉट किए जाने चाहिए। बैठक में पी.यू. के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा टीचर्स के प्रनितिधियों के साथ मिसबिहेव का कड़ा नोटिस लिया गया।
पूटा ने गोपनीयता और परीक्षा व मूल्यांकन व्यवस्था को बिना किसी देरी के फिर के दुरुस्त करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसी के साथ पूटा ने चेतावनी भी दी है कि अगर पी.यू. प्रशासन इन प्रस्तावों को लागू नहीं करता तो वे आंदोलन छेडऩे को विवश होंगे।
-सिलेबस व इंस्पैक्शन कमेटी मेंसब्जैक्ट एक्सपर्ट को रोटेशन के तौर पर लगाया जाना चाहिए, जिससे सभी सदस्यों को इन कमेटियों में इंस्पैक्शन करने के लिए जाने का मौका मिल सके।
- पी.यू. के अकाउंट्स ब्रांच में हुई आगजनी की घटना में जो सर्विस बुक्स जल गई हैं, उन्हें जल्द रिकंस्ट्रक्ट किया जाना चाहिए, जिसमें टीचर्स की एल.टी.सी. और प्रोमोशन के बारे में सारी जानकारी दी गई थी। आगामी 31 मार्च से पहले उन्हें सभी तरह के भुगतान किए जाएं।
-जिन कमेटियों में पूटा प्रैजीडैंट और व पूटा के सदस्य नॉमिनी हैं, उन कमेटियों की बैठक में पूटा सदस्यों को बुलाया जाना चाहिए। साथ ही बैठकों में लिए गए निर्णयों पर पूटा के हस्ताक्षर भी करवाए जाने चाहिए।
-शिक्षकों की कैश एप्लीकेशन की प्रक्रिया का समय प्री- स्क्रीनिंग और स्क्रीनिंग के लिए फिक्स किया जाना चाहिए। इसी तरह से ऑनलाइन एप्लीकेशन सिस्टम भी शुरू होना चाहिए।
-पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला की तरह ही पी.यू. के कर्मचारियों के लिए पैंशन स्कीम इंपलीमैंट की जानी चाहिए।
-पी.एच.डी. इंक्रीमैंट जल्द से जल्द दी जानी चाहिए। साथ ही रजिस्ट्रार की पे फिकस होनी चाहिए।
- हॉस्टल के वार्डन एवं विभिन्न सैंटर्स के कोआर्डीनेटर्स को सीनियोरिटी के आधार पर अपाइंट किए जाने चाहिए। साथ ही सभी को एक साथ प्रोमोशन और समान रूप से अपॉरच्युनिटी मिलनी चाहिए।
-सीनेट, सिंडीकेट और बोर्ड ऑफ फाइनैंस की बैठक की प्रोसीडिंग की वैबकास्टिंग होनी चाहिए । यह प्रस्ताव फिर से सिंडीकेट की बैठक में लाया जाना चाहिए।
-ऑफिस स्टाफ को बिना सलाह के न बदला जाए। टीचर्स के बीच असहमति की आवाज को दबाने के लिए सिंडिकेट की 18 दिसंबर की बैठक के फैसले की निंदा की गई।