Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Oct, 2017 10:46 AM
फैस्टीवल सीजन होने के कारण चंडीगढ़ व अंबाला से लंबे रूटों पर जाने वाली ट्रेनों में सीटें फुल होने के कारण लोगों का रूझान तत्काल टिकट लेने पर अधिक है।
चंडीगढ़(लल्लन) : फैस्टीवल सीजन होने के कारण चंडीगढ़ व अंबाला से लंबे रूटों पर जाने वाली ट्रेनों में सीटें फुल होने के कारण लोगों का रूझान तत्काल टिकट लेने पर अधिक है। लोग तत्काल टिकट लेने के लिए 20 घंटे पहले ही रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काऊंटर पर लाइन लगानी पड़ रही है। कई तो टिकट के लिए रात भी स्टेशन पर ही बिता रहे हैं।
सिर्फ चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के टिकट काऊंटर पर ही नहीं बल्कि शहर में जिन जगहों पर टिकट की बुकिंग की जाती है, उन सभी सैंटरों में लोग टिकट के लिए रात में ही आकर सो जाते हैं। दोपहर 11 बजे तक इंतजार करते हैं लेकिन इसके बाद भी टिकट मिलेगी इसकी कोई गारंटी नहीं है। स्टेशन व अंबाला से जाने वाली सभी ट्रेनें फुल चल रही हैं और वेटिंग भी 500 से अधिक है।
टोकन सिस्टम प्रक्रिया भी नहीं हो सकी पूरी :
रेलवे की ओर से 1 साल पहले ही तत्काल टिकट के लिए टोकन सिस्टम प्रक्रिया शुरू करने की योजना बनाई थी। लेकिन यह प्रक्रिया भी धरी की धरी रह गई। लोग खुद ही यात्रियों की सूची बनाते हैं और लाइन कंट्रोल करते हैं। तत्काल टिकट लेने के लिए जो यात्री रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काऊंटर पर पहले पहुंचता है, वह एक कागज पर लिस्ट बनाता है। इसके बाद 10.50 बजे एक रेलवे अधिकारी द्वारा लोगों के रिजर्वेशन काऊंटर पर साइन करके भेजता है।
महिलाओं के लिए नहीं अलग टिकट काऊंटर :
तत्काल टिकट को लेकर महिलाए भी पुरुषों के साथ ही लाइन में धक्के खाती हैं। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर तत्काल टिकट के लिए हर रोज 50 यात्री लाइन मेंं लगे होते हैं लेकिन इनमें से सिर्फ 7-8 लोगों को ही टिकट मिल पाती है।
ट्रेनों में सीटों का स्टेटस :
गाड़ी संख्या वेटिंग सीटें उपलब्ध
15708 525 3 दिसम्बर के बाद
18104 291 5 दिसम्बर के बाद
12312 108 26 अक्तूबर के बाद
14650 337 15 नवम्बर के बाद
15012 29 24 अक्तूबर के बाद
12232 73 24 अक्तूबर के बाद
तत्काल के लिए नहीं खुलते सभी काऊंटर :
रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काऊंटर पर जनरल रिजर्वेशन के लिए रोजाना 3 टिकट काऊंटर खुलते हैं लेकिन हैरानी की बात हैं यह कि तत्काल के समय रेलवे अधिकारियों की ओर से रेलवे रिजर्वेशन काऊंटर सिर्फ दो ही खोले जाते हैं। यदि विभाग की ओर तीनों टिकट काऊंटर खोले जाते तो अधिक लोगों को टिकट मिल जाती।