पंजाब DGP ऑफिस के IT विभाग से भर्ती रिकॉर्ड की 2000 फाइलें गुम, अफसरों में मची अफरा-तफरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 08:20 AM

it department of punjab dgp office

पंजाब डी.जी.पी. आफिस के आई.टी. विभाग से 2000 पुलिस मुलाजिमों का भर्ती रिकॉर्ड गायब हो गया।

चंडीगढ़(विनोद) : पंजाब डी.जी.पी. आफिस के आई.टी. विभाग से 2000 पुलिस मुलाजिमों का भर्ती रिकॉर्ड गायब हो गया। इसके साथ विंग के सभी मुलाजिमों की सिन्योरिटी लिस्ट भी नहीं मिल रही। इसके बाद आई.टी. विभाग के अफसरों में अफरा-तफरी मच गई। साथ ही सीनियर अफसरों की भी नींद उड़ती हुई नजर आ रही है। पहले चंडीगढ़ सैक्टर-3 पुलिस स्टेशन में 2000 फाइलें गुम होने संबंधी अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज करवाया। 

 

वहीं, जांच आगे बढ़ाने के लिए पुलिस ने संबंधित विभाग को 3 बार लैटर लिखा लेकिन डी.जी.पी. आफिस के आई.टी. विभाग द्वारा उसका एक भी जवाब नहीं दिया गया। यह केस अब अफसरों के गले की फांस इसलिए बनता नजर आ है क्योंकि इससे पहले डी.जी.पी. ऑफिस के वायरलैस एंड कम्युनिकेशन विंग में 6 वायरलैस ऑप्रेटर्स की फर्जी भर्ती करवाने के नाम पर लाखों की ठगी हुई और उन 6 फर्जी पुलिसवालों से करीब 6 माह तक ड्यूटी भी करवाई गई, जिसकी जरा भी भनक नहीं लगी। 

 

इस मामले में उसी विभाग के ए.एस.आई. संजीव कुमार के खिलाफ अफसरों ने केस दर्ज करवा दिया। वहीं, संजीव ने आरोप जड़ा था कि उसे फंसाया जा रहा है। सीनियर अफसरों के कहने पर ही उसने यह सबकुछ किया था। 

 

अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करवाया :
मामला ज्यादा तूल न पकड़े इसलिए पंजाब पुलिस के अफसरों ने तुरंत मामला शांत करने के लिए अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। मगर हैरानी की बात है कि शिकायत में कहीं भी डी.जी.पी. आफिस के आई.टी. विभाग में कार्यरत या उसके अलावा एक भी मुलाजिम पर शक नहीं जताया गया। केस दर्ज होने के बाद सबसे पहले शक की सूई जिस विभाग से 2000 फाइलें गुम हुई, उस पर जाती है। 

 

इसी के चलते जब सैक्टर-3 थाना पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाने के लिए विभाग को लैटर लिखा कि जो फाइलें गुम हुई हैं, वे किसकी कस्टडी में थीं। इसके बाद संबंधित विभाग से जवाब नहीं आया। थाना पुलिस ने फिर से 2 बार लैटर लिखा लेकिन उनका भी कोई जवाब नहीं आया। इससे साफ होता है कि डी.जी.पी. आफिस के आई.टी. विभाग ने शिकायत तो दी मगर जांच में चंडीगढ़ पुलिस सहयोग नहीं कर रही। 

 

नई भर्ती भी शक के दायरे में :
वहीं विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो जो पंजाब पुलिस में नई भर्ती हुई है, वह भी सवालों के घेरे में आती नजर आ रही है। जो 2000 फाइलें गुम हुई हैं, उनमें इस भर्ती का भी रिकॉर्ड गुम होने की आशंका जताई जा रही है। पंजाब पुलिस के हैडक्वार्टर में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे हुए हैं मगर इस बात की जांच की जा रही है कि जिस विभाग से फाइलें गुम हुई हैं क्या उसके अंदर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे थे या नहीं। 

 

खास बात यह है कि पुलिस हैडक्वार्टर में अंदर-बाहर जाने वालों की चैकिंग की जाती है। आम आदमी की तो इतनी हिम्मत नहीं हो सकती कि वह 2000 फाइलें उठाकर पुलिस हैडक्वार्टर से बाहर निकल सके। ऐसे में शक की सूई अंदर तैनात कर्मियों पर ही जाकर ठहरती है। लेकिन इस बड़ी घटना से बड़े अधिकारियों में खलबली जरूर मची हुई है।

 

यह रिकॉर्ड हुआ गायब :
-1985 में भर्ती हुए सभी रैंक के कर्मचारियों का रिकॉर्ड।
-1986 से 1988 तक भर्ती कांस्टेबल, मैसेंजर, ऑप्रेटर, टैक्नीनिशयन, ए.एस.आई.। 
-1989 और 1992 में भर्ती हुए विभिन्न रैंक के कर्मचारी।  
-1993 में एस.पी.ओ. से कांस्टेबल प्रोमोट किए मुलाजिम। 
-1998 में कांस्टेबल भर्ती किए गए सभी मुलाजिम। 

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