चंडीगढ़ में नया कारोबार शुरू करना आसान नहीं: बंसल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 10:53 PM

it is not easy to start a new business in chandigarh  bansal

चंडीगढ़ में नया कारोबार शुरू करना आसान नहीं है, बल्कि परेशानी भरा है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग द्वारा वर्ल्ड बैंक ग्रुप की सहभागिता में भारत के सभी राज्यों के लिए कारोबारी सुधारों की रैंकिंग देने...

चंडीगढ़, (राय): चंडीगढ़ में नया कारोबार शुरू करना आसान नहीं है, बल्कि परेशानी भरा है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग द्वारा वर्ल्ड बैंक ग्रुप की सहभागिता में भारत के सभी राज्यों के लिए कारोबारी सुधारों की रैंकिंग देने की प्रक्रिया में चंडीगढ़ को काफी कम स्कोर मिला है।

इस स्थिति पर गंभीर चिंता जताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और चंडीगढ़ के पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल ने कहा कि कारोबार शुरू करने में लगने वाला समय सबसे अहम है और ऐसे में लाल फीताशाही कम करनी होगी। इसके अलावा जरूरत से अधिक आधिकारियों की फौज कम करनी होगी और ऐसी नीति लागू करनी होगी, जिससे चंडीगढ़ में एम.एस.एम.ई. उद्यमी बनने के इच्छुक उद्यमियों को अनुकूल माहौल दिया जा सके।

हाल ही में औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के सुधारों के प्रमाण को अपलोड करने की तिथि को बंद कर दिया और चंडीगढ़ 28वें स्थान पर रहा है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब चंडीगढ़ को औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत में सबसे अच्छे शहरों में से एक माना जाता था।

पूर्व सांसद ने अफसोस जताया कि यू.टी. की औद्योगिक सलाहकार समिति (आई.ए.सी.), जो 28 सदस्यीय इकाई है, जिसकी अध्यक्षता यू.टी. एडवाइजर करते हैं, जिसे उद्योगों से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए गठित किया था, अभी तक बेदम होकर पड़ी है और कोई काम नहीं कर रही है। इस समिति का पिछला कार्यकाल सितम्बर में ही समाप्त हो गया था और नई का अभी तक गठन भी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि ये जानना बेहद दुखद है कि आई.ए.सी. की दो साल की अवधि के दौरान सिर्फ एक ही बैठक बुलाई गई है।

बंसल ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार कारोबार करने की सुविधा यानी ईज ऑफ डूइंग बिजनैस इंडैक्स में भारत की रैंकिंग में सुधार को लेकर पीठ थपथपा रही है। वहीं उसने चंडीगढ़ में उद्योग क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और विकसित करने के लिए कोई पहल नहीं ली है।

उद्योग, ऐसा सैक्टर है जो कि बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करता है और प्रशासन अपनी नौकरशाही की औपचारिकताओं में ही जकड़ा हुआ है। ऐसे में लोगों के लिए शहर में व्यवसाय करना मुश्किल हो जाता है।

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