मोटी-मोटी तनख्वाह लेने के बाद हमारी जिम्मेदारी है जनता के लिए काम करना : किरन बेदी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 08:04 AM

kiran bedi in pu

फील्ड में जाकर भी काम करना जरूरी है। मोटी-मोटी तनख्वाह और बाकि सब सुविधाएं लेने के बाद हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम जनता के लिए काम करें।

चंडीगढ़(रश्मि) : फील्ड में जाकर भी काम करना जरूरी है। मोटी-मोटी तनख्वाह और बाकि सब सुविधाएं लेने के बाद हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम जनता के लिए काम करें। जनता का काम करके जो खुशी मिलती है उसका एहसास करना भी बेहद जरूरी है। अधिकारी को जनता को लीड ना कर उसकी सेवा करनी चाहिए, वही अधिकारी का काम का है। 

 

हालांकि अब जनता को सर्व नहीं किया जाता। जिनके पास लीडरशिप आ जाती है उनमें से कुछ ऑफिसर बैठकर अपना राज चलाते हैं। एक-एक फाइल 9 से 10 माह तक एक ही टेबल पर पड़ी रहती है। कुछ ऑफिसर और नेताओं पर निशाना साधते हुए पुड्डूचेरी की लैफ्टिनैंट गवर्नर डा. किरन बेदी ने यह तीखी टिप्पणी की। 

 

वह पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में गवर्नैंस और लीडरशिप कोर्सिज का उद्घाटन करने आई थी। ये कोर्स वूमैन स्टडीज एवं डिवैल्पमैंट विभाग में शुरू हुए हैं। ‘लीडरशिप कब शुरू होती है और कब खत्म’ इस विषय पर किरन बेदी ने लैक्चर दिया। उन्होंने कहा कि मैं यहां सज्जाई कहने की कोशिश कर रही हूं। मेरा मानना है कि सच ही बोलना चाहिए, क्योंकि मुझे सच बोलना सिखाया गया है। 

 

थ्योरी के साथ भी प्रैक्टिकल : 
डा. बेदी ने कहा कि हफ्ता भर गांव में रहकर ही देखने के बाद ही वहां से जुड़ी समस्याएं समझ आएंगी। डा.  किरन बेदी ने कहा कि यह जरूरी है कि आप सीखते किस तरह से हैं। तब तक आप अच्छे नेता नहीं बन सकते जब तक आपके भीतर नैतिकता न हो। डा. बेदी ने कहा कि आज वह जिस मुकाम पर पहुंची हैं वह उनकी टीचर की बदौलत हैं। 

 

ऑफिसर करें मिशनरी के तौर पर काम : 
डा. किरन बेदी ने कहा कि अॅाफिसर को मिशनरी के तौर पर काम करना चाहिए। मैंने काफी बार ऑफिसर पक्ष को लिखा कि  आप फील्ड में गए थे। कुछ ने जवाब दिया तो कईयों ने कोई जवाब ही नहीं दिया, क्योंकि  वे काफी समय से फील्ड में गए ही नहीं थे। 

 

क्रिएटिंग और रिक्रिएंिटंग लिखा जाए : 
पी.यू. के वी.सी. ने कहा कि कोर्सिज के नाम से एजुकेशन हटा दी जाए और इस पर क्रिएटिंग और रि-क्रिएंिटंग लिख दिया जाए। डा. किरन बेदी ने कहा कि जेसी आनंद के बारे में उन्हें अब भी याद है कि उनके हाथ में अक्सर काफी सारी किताबें होती थी। तब डिजीटलाईजेशन का जमाना नहीं था। वह खुद में लाईबरेरी थे। प्रो. आनंद पढऩे को लेकर हमेशा उत्सुक रहते। वह किताबों के साथ-साथ प्रैक्टिकल शिक्षा को भी  अहम मानते थे। किरन बेदी ने कहा कि यह काफी भावुक दिन है। मैं उन्हें श्रद्धाजंलि भेंट करना चाहती हूं। 

 

खुद लैक्चर देती हूं : 
प्रो. रौनकी राम ने किरन बेदी के बारे में बताया तो बेदी ने उन्हे दो-तीन बार टोका। उन्होंने कहा कि मैं खुद स्टूडैंट्स को लैक्चर देती हूं। कार्यक्रम में मौजूद हरियाणा की चीफ इंफोरमेंशन कमिशनर आई.ए.एस. उवर्शी गुलाटी ने कहा कि आज हम जो बन पाए हैं वह पिता की सहयोग की बदौलत संभव हो सका है। मेरे पिता ने चंडीगढ़ क्लब बनाया था। वह हमेशा कहते थे कि सोसायटी के लिए कुछ करो। अगर आपको सोसायटी याद रखती है  तो आप हो वरना आप जी रहे हो या मर रहे इससे फर्क नहीं पड़ता। जानकारी के मुताबिक किरन बेदी कैंपस में माह बाद फिर स्टूडैंट इंट्रैक्शन करने के लिए आ सकती हैं। 

 

साइकिल-बाइक पर घूमकर देखें ऑफिसर :
डा. किरन बेदी ने कहा कि लीडरशिप में सिर्फ लीडरशिप करने के लिए नहीं बल्कि सर्व करने की भी शक्ति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑफिसर और नेताओं को एक दिन बाईक व साईकिल पर बसों में घूमकर देखना चाहिए कि आम जनता कैसे जिंदगी बिताते हैं। इस दौरान बेदी ने टॉयलैट फिल्म का भी उदाहरण दिया। किरन बेदी ने कहा कि खुद का मूल्यांकन करने की भी जरूरत है। 

 

रैवेन्यू के लिए शराब के ठेके :
डा. बेदी ने कहा कि अक्सर महिलाएं शोर मचाती हैं कि यहां शराब के ठेके न हों, लेकिन उनकी कौन सुनेगा। राज्य को रैवेन्यू चाहिए तो ऐसे में शराब के  ठेके होना लाजमी है। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारियों को एक लाख रुपए वेतन मिलता है। इसमें से वो बड़ी-बड़ी कारें तो खरीद सकते हैं लेकिन साईकिल नहीं। उन्होंने कहा कि सभी स्टूडैंट और अधिकारियों के पास साईकिल होनी चाहिए। स्वच्छता अभियान के बजट को लेकर डा. बेदी ने कहा कि उसके  लिए सिर्फ झाडू की जरूरत होती है। सिर्फ शनिवार या रविवार को एक दिन भी कैंपस में आसपास सफाई की जाए तो कोई भी परेशानी ना रहे। 

 

ट्वीट करके थक गई हूं :
किरन बेदी जब मार्च 2016 में पी.यू. कैंपस आई थी तब उन्होंने वी.सी. अरुण ग्रोवर से लीडरशिप पर कोर्स शुरू करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि हमारी लीडरशिप में बदलाव आए और इसके लिए मैं ट्वीट कर करके थक गई हूं। मैं चाहती हूं कि नेता ऐसा हो जो आपकी समस्या समझे। डा. बेदी ने कहा कि आज अपना ज्ञान गुगल गुरु से भी बढ़ा सकते हैं। सैल्फ स्टडी करके आप काफी कुछ सीख सकते है। 

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