एथलैटिक छोड़ शुरू की रोइंग, पहले कांस्य फिर जीता स्वर्ण पदक..

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 12:36 PM

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एथलीट प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले शहर के जी.एम.एस.एस.एस.-33 के विद्यार्थी सुखदीप सिंह का चयन जूनियर एशियन रोइंग चैम्पियनशिप के लिए भारतीय कैंप में किया गया है।

चंडीगढ़ (लल्लन): एथलीट प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले शहर के जी.एम.एस.एस.एस.-33 के विद्यार्थी सुखदीप सिंह का चयन जूनियर एशियन रोइंग चैम्पियनशिप के लिए भारतीय कैंप में किया गया है। सभी खिलाड़ी इन दिनों फैडरेशन की ओर से हैदराबाद में लगाए कैंप में प्रैक्टिस कर रहे हैं। कैंप में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों का चयन चैम्पियनशिप के लिए किया जाएगा। 

 

सुखना लेक के रोइंग कोच अरविंद सहगल का कहना है कि सुखदीप बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत टीम में भी जगह पक्की करेगा। सुखदीप सिंह ने कहा कि वह पहले एथलीट बनना चाहते थे लेकिन स्कूल के कोच के निर्देशों के बाद रोइंग शुरू कर दी और 1 साल के भीतर ही मेरा चयन इंडिया कैंप के लिए कर लिया गया। 


हैदराबाद कैम्प में दिन में तीन बार होती रोइंग की प्रैक्टिस
हैदराबाद में जारी कैंप के बारे में सुखदीप ने कहा कि कैंप में प्रैक्टिस काफी हार्ड है।  एक दिन में तकरीबन 36 किलोमीटर तक वोटिंग करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि वहां पर दिन में तीन बार रोइंग की प्रैक्टिस होती है। सुखदीप के अनुसार सुबह 7 बजे के समय 12 किलोमीटर की बोटिंग करनी पड़ती है। 

 

इसके बाद दोपहर 1 बजे से 12 किलोमीटर तथा शाम को भी 12 किलोमीटर तक प्रैक्टिस करनी होती है। उन्होंने कहा कि प्रैक्टिस इतनी हार्ड है कि हाथ में छाले तक पड़ जाते हैं लेकिन इसके बाद भी आप प्रैक्टिस नहीं छोड़ सकते। ऐसे में कैंप में शामिल खिलाड़ी पूरी तरह से परिपक्व हो जाता है। 

 

रोइंग में पहले कांस्य, फिर जीता स्वर्ण पदक...
सुखदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले 3 माह तक रोइंग की प्रैक्टिस की और अपने आपको प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह से तैयार किया। सुखदीप ने कहा कि सबसे पहले चालेंजर प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतना मेरे लिए काफी सुखद रहा। इसके बाद 2 माह बाद ही जूनियर स्टेट प्रतियोगिता का आयोजन सुखना लेक पर किया गया, जिसमें बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 2 स्वर्ण पदक जीतकर चयनकर्ताओं का ध्यान आर्कशित किया। 

 

सुखदीप ने कहा कि इसके साथ मेरा चयन नैशनल चैम्पियनशिप के लिए किया गया। जहां पर मैंने सैमीफाइनल में प्रवेश कर लिया था, लेकिन भारतीय जूनियर इंडिया कैंप में चयनित होने के बाद प्रतियोगिता बीच में ही छोडऩी पड़ी और अब इंडिया कैंप में शामिल हूं। 


 

एथलीट में भी जीत चुके तीन पदक
सुखदीप ने बताया कि पहले वह 100 तथा 200 मीटर दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे, जिसमें उन्होंने काफी मेहनत की। उन्होंने बताया कि इसकी प्रैक्टिस पहले स्पोर्ट्स काम्पलैक्स-46 में की और बाद में स्पोट्स काम्पलैक्स-7 में भी कुछ दिन अभ्यास किया लेकिन इसमें कम्पीटीशन अधिक होने के कारण एथलीट छोडऩे का फैसला किया। 

 

सुखदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने स्टेट स्तर प्रतियोगिताओं में 2 कांस्य पदक हासिल कर चुके हैं। इसके बाद से एथलीट चैम्पियनशिप में भाग लेना बंद कर दिया और रोइंग में ही करियर बनाने का विचार बना लिया। 

 

कैम्प में बेसिक ट्रेनिंग पर ज्यादा फोक्स
हैदराबाद कैंप के बारे में सुखदीप ने बताया कि यह पर खिलाडिय़ों के बेसिक ट्रेनिंग पर ज्यादा फोकस दिया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिजिकल फिटनैस के लिए रोइंग तथा एग्रो मीटर का प्रयोग अधिक किया जाता है। 

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