Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 12:40 AM
चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) ने सैक्टर-63 में अलॉटियों को फ्लैट तो दे दिए मगर यहां मूलभूत सुविधाओं को देना भूल गया। इसकी वजह से लाखों रुपए खर्च करके यहां फ्लैट लेने वाले अलॉटी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
चंडीगढ़, (विजय) : चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) ने सैक्टर-63 में अलॉटियों को फ्लैट तो दे दिए मगर यहां मूलभूत सुविधाओं को देना भूल गया। इसकी वजह से लाखों रुपए खर्च करके यहां फ्लैट लेने वाले अलॉटी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। बोर्ड ने यहां लिफ्ट की सुविधा तो दे दी लेकिन इन्हें चलाने के लिए जरूरी जेनरेट सेट अभी तक नहीं लगाए गए हैं।
इस बारे में कुछ दिन पहले रैजीडैंट वेलफेयर एसोसिएशन-2 बी.एच.के. की ओर से बोर्ड के चेयरमैन को एक ज्ञापन सौंपकर पूरी जानकारी भी दी थी। इसमें बताया गया कि लिफ्ट में पानी घुसने की वजह से भी हर समय किसी हादसे का खतरा हमेशा बना रहता है। इसकी मुख्य वजह है डिपार्टमैंट्स में आपसी तालमेल की कमी।
यही नहीं, कई जगहों पर पहले फ्लोर के वाशरूम से पानी टपकने की भी शिकायतें दी जा रही हैं। ये पानी उन पिलर्स पर टपक रहा है, जहां पर इलेक्ट्रिक मीटर्स लगाए गए हैं। इससे कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है। एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि अगर यहां कोई भी हादसा होता है उसकी जिम्मेदारी बोर्ड की होगी।
14 पार्कों के लिए सिर्फ तीन माली
एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि यहां बोर्ड ने पार्क तो बना दिए हैं लेकिन उनकी मैंटिनैंस की कोई प्लानिंग नहीं की गई। पार्क में न तो वॉकिंग ट्रैक हैं और न ही लाइट्स की सुविधा दी गई है। इन पार्क में सैर करना भी मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि यहां जगह-जगह मलबे के ढेर पड़े हुए हैं।
आलम यह है कि यहां पर कुल 14 पार्कों के लिए केवल 3 माली हैं। यहां बड़ी-बड़ी घास उग आई है।
कम्यूनिटी सैंटर भी नहीं बनाया
अलॉटमैंट के समय सी.एच.बी. की ओर से दावा किया गया था कि यहां कम्यूनिटी सैंटर और मार्कीट की भी सुविधा दी जाएगी मगर अब अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट रहे हैं।
बोर्ड से जब संपर्क किया गया तो जवाब मिला कि कम्यूनिटी सैंटर बनाने की जिम्मेदारी प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग की है। यानि यहां भी मामला दूसरे सरकारी विभागों पर थोप दिया गया।