परिजनों ने कॉलेज परिसर में किया हंगामा, हत्या का मामला दर्ज करने पर रहे अड़े

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 08:46 PM

lodging cases of murder

सैक्टर-42 स्थित गवर्नमैंट कॉलेज के हॉस्टल में फंदा लगाने वाली बी.सी.ए. सैकेंड ईयर की छात्रा भावना के परिजनों ने सोमवार को कॉलेज परिसर में जमकर हंगामा किया।

चंडीगढ़ (संदीप): सैक्टर-42 स्थित गवर्नमैंट कॉलेज के हॉस्टल में फंदा लगाने वाली बी.सी.ए. सैकेंड ईयर की छात्रा भावना के परिजनों ने सोमवार को कॉलेज परिसर में जमकर हंगामा किया। परिजनों ने पुलिस से भावना की मौत को लेकर हत्या का मामला दर्ज कर गहनता से जांच करने की मांग की है। इसके साथ ही परिजनों ने कॉलेज प्रशासन पर भावना की मौत को लेकर तथ्य छिपाने के संगीन आरोप लगाए हैं। इस दौरान डी.एस.पी. साऊथ दीपक यादव, सैक्टर-36 थाना प्रभारी नशीब सिंह भारी बल के साथ मौजूद रहे और मृतका के परिजनों को मामले में निष्पक्ष कार्रवाई किए जाने का आश्वासन देते हुए उन्हें भावना के शव का पोस्टमार्टम करवाने की बात कहते रहे। 

 

वहीं कालेज प्रिंसीपल ने भावना के परिजनों द्वारा कॉलेज प्रशासन पर लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कॉलेज प्रशासन की तरफ सें भावना की मौत को लेकर किसी भी तरह की बात परिजनों से छिपाई नहीं जा रही है। कॉलेज प्रशासन की तरफ से पुलिस जांच में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। वहीं दोपहर के समय शिक्षा विभाग के डायरैक्टर, मेयर और एस.एस.पी. द्वारा मामले में बेहतर तरीके से जांच करवाए जाने की आश्वासन के बाद परिजन भावना के शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए सहमत हुए। शाम के समय सैक्टर-16 अस्पताल में डाक्टरों के बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम कर देह परिजनों को सौंप दी। 

 

परिजनों के आरोप, बिना गारजियन परमीशन के भावना आऊटिंग के लिए कैसे गई
भावना के फुफा हैप्पी तलवार ने बताया कि चंडीगढ़ में वह और उनकी पत्नी भावना की लोकल गारजियन थे। जब भी भावना का कहीं आऊटिंग के लिए जाना होता था तो कॉलेज हॉस्टल की तरफ से उन्हें बुलाया जाता था और हॉस्टल में रजिस्टर पर साइन करने के बाद ही भावना को बाहर जाने दिया जाता था, लेकिन रविवार को हॉस्टल की तरफ से उन्हें बुलाए बिना ही भावना को बाहर जाने की इजाजत क्यों दी गई। भावना द्वारा फंदा लगाने की सूचना भी उन्हें न देते हुए सीधे तौर पर अम्बाला में रहने वाले भावना के पिता राकेश और मां संगीता को क्यों दी गई? हॉस्टल की तरफ से ऐसा किए जाने से उन्हें मामला पूरी तरह से संदिग्ध लग रहा है। 

 

हॉस्टल में जब भावना का अपना कमरा था तो उसने किसी और के कमरे में जाकर फंदा क्यों लगाया? पुलिस को सूचना दिए बिना उसे फंदे से उतारकर अस्पताल क्यों पहुंचाया गया? हॉस्टल में रहने वाली जिन छात्राओं ने उसे फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया उनसे भावना के परिजनों को क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा है। अम्बाला से जिस समय भावना के परिजन कॉलेज में पहुंचे तो उस समय तक भी पुलिस ने उस कमरे को बंद नहीं किया था, जहां भावना द्वारा फंदा लगाए जाने की बात उन्हें बताई गई है। भावना की जिस दोस्त ने उसकी तबीयत खराब होने की सूचना उसके परिजनों का दी थी उससे परिजनों को क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा है। 

 

पिता और मां की नम आंखों में दिख कई सवाल 
भावना के पिता राकेश और मां संगीता ने पूरे मामले को संदिग्ध बताते हुए कहा कि उनकी रविवार दोपहर करीब 3 बजे भावना ने उन्हें फोन किया था, उस समय भावना बेहद खुश थी और उसने कहा था कि वह शाम को फिर से कॉल करेगी। यही नहीं आऊटिंग के दौरान वह जिस इवैंट में शामिल होने के लिए गई थी वहां की फोटो भी भावना ने परिजनों को भेजी थी। ऐसे में वह अचानक फंदा कैसे लगा सकती है। 

 

कोट्स...
हर पहलू को बेहद बारीकी से जांचा जा रहा है। हॉस्टल में लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों की फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। उन छात्राओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं, जिन्होंने उसे फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया था। जांच के आधार पर ही करवाई की जाएगी। -दीपक यादव, डी.एस.पी., साऊथ डिवीजन। 

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