मोहाली नगर निगम का 128 करोड़ का बजट पास

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 01:21 PM

mohali municipal budget passes 128 crores budget

नगर निगम मोहाली के मेयर कुलवंत सिंह की अध्यक्षता में आज वर्ष 2018-19 की बजट की विशेष मीटिंग और हाऊस की जनरल मीटिंग में हंगामेदार रही।

मोहाली (नियामियां): नगर निगम मोहाली के मेयर कुलवंत सिंह की अध्यक्षता में आज वर्ष 2018-19 की बजट की विशेष मीटिंग और हाऊस की जनरल मीटिंग में हंगामेदार रही। 

 

इस दौरान निगम की ओर से 16 करोड़ के घाटे वाला 128 करोड़ के खर्च वाला बजट सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है। बता दें कि मीटिंग में अकाली पार्षद रजिंदरपाल सिंह शर्मा द्वारा स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को ‘बाबा जी का ठुल्लू’ कही गई टिप्पणी के बाद मीटिंग तनावपूर्ण हो गई। 

 

सीनियर डिप्टी मेयर रिशभ जैन ने इस टिप्पणियों का सख्त नोटिस लिया। जैन ने कहा कि ठुल्लू वाली बातें एक तरफ रखते हुए हाऊस की मर्यादा कायम रखनी चाहिए। मेयर ने मामला शांत करवाया। 


पार्कों में कार्यक्रमों की फीस का विरोध
निगम द्वारा शहर के पार्कों में किए जाने वाले समागमों के लिए फीस लगाए जाने और कम्युनिटी सैंटरों की फीस बढ़ाने संबंधित लाए गए एजैंडे का एडवोकेट हरमनप्रीत सिंह प्रिंस ने विरोध किया। 

 

प्रिंस ने कहा कि वह किसी भी हालत में पार्कों में किए जाने वाले समागमों के लिए फीस नहीं लगाने देंगे और न ही कम्यूनिटी सैंटरों की फीसों में वृद्धि करने देंगे। 

 

पार्षद कुलदीप कौर कंग और बाकी के पार्षद भी प्रिंस के समर्थन में आ गए और निगम को अपना यह फैसला वापस लेना पड़ा। अब पार्कोंमें समागमों के लिए केवल 500 रुपए सफाई खर्चा लिया जाएगा। समाज सेवीं संस्थाएं पार्कों का मुफ्त प्रयोग कर सकेंगी। 

 

बच्चों के पार्कों में खेलने वाला प्रस्ताव पैंडिंग
पार्षद रजनी गोयल, अरुण शर्मा, हरदीप सराओ, अमरीक सिंह तहसीलदार और अन्य ने अंदरूनी पार्कों में बच्चों के क्रिकेट और फुटबाल खेलने पर रोक लगाने की मांग की। एक दो पार्षदों ने कहा कि अगर कोई पार्कों में क्रिकेट खेलेगा तो उस पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। एक बार फिर हरमनप्रीत सिंह प्रिंस और बीबी कुलदीप कौर कंग इस मुद्दे के विरुद्ध अड़ गए। 

 

बच्चों के पार्कों में खेलने पर रोक बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। मेयर ने कहा कि मामले में मीडिया की भी सलाह ले ली जाए। इस पर समूचा मीडिया जब इस हक में आ गया कि बच्चों को पार्कोंमें खेलने की आज्ञा होनी चाहिए तो यह मामला बीच ही खत्म हो गया। मेयर ने इस प्रस्ताव को पैंडिंग़ कर दिया। इसके बाद सभी प्रस्ताव बिना पढ़े ही पास कर दिए गए।

 

विकास कार्यों में ध्यान दें पार्षद : प्रिंस
अकाली पार्षद एडवोकेट हरमनप्रीत सिंह प्रिंस ने कहा कि सभी ही मैंबर आपसी खींचातानी को छोड़़कर शहर के विकास कामों के लिए ध्यान दें। उन्होंने कम्युनिटी सैंटरों को खाली करवाने का मुद्दा उठाते हुए निगम कमिश्नर और मेयर को दखल देने की अपील की। कमिश्नर संदीप हांस ने कहा कि इस संबंधित उनकी डिप्टी कमिश्नर के साथ मीटिंग हो चुकी है। 

 

आज ही डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिख दिया जाएगा और जल्दी ही कम्युनिटी सैंटर खाली करवा दिया जाएगा। प्रिंस ने बिना किसी भेदभाव से पूरे शहर में अवैध कब्जे खत्म करवाने के लिए मुहिम चलाने और नीति बनाने की मांग की। कमिश्नर ने कहा कि नाजायज कब्जे छुड़वाने के लिए उन पर कोई दबाव नहीं है। 

 

इसलिए हाऊस कोई नीति बनाए नहीं तो उनको अधिकार है कि वह खुद इस संबंधित कोई मुहिम चला सकते हैं। मेयर ने कहा कि पूरा हाऊस उनकी पीठ पर है इसलिए कमिश्नर डटकर यह मुहिम शुरू कर सकता है। 

 

पार्षद रवीन्द्र बिंद्रा और जसवीर मणकू ने औद्योगिक क्षेत्र में एक उद्योगपति की तरफ से पार्क पर किए गए अवैध कब्जे का मुद्दा उठाया और कहा कि अदालत में केस लडऩे के बावजूद यह भी कब्जा क्यों नहीं हटाया गया। 

 

लावारिस पशुओं के लिए फंड क्यों नहीं रखा: पटवारी  
पार्षद सुखदेव सिंह पटवारी ने कहा कि बजट में लावारिस पशुओं और कुत्तों आदि बारे एक पैसे का भी प्रबंध नहीं किया गया, जबकि शहर के लोग इन समस्याओं से ज्यादा परेशान हैं। 

 

जवाब में मेयर कुलवंत सिंह ने कहा कि इन कामों के लिए अलग पैसा इसलिए नहीं रखा गया, क्योंकि इन पशुओं और कुत्तों को पकडऩे वाले सभी कर्मचारी निगम के बाकायदा नियुक्त मुलाजिम हैं। इस काम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाडिय़ां भी कौंसिल की अपनी हैं। इसीलिए कोई अलग बजट नहीं रखा जाता।

 

पिछली तिमाही का खर्चा क्यों नहीं किया जाहिर: मैनी
सत्ताधारी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए भारत भूषण मैनी ने कहा कि पिछली मीटिंग के दौरान यह बात कई बार उठाई जा चुकी है कि दिसंबर वाली तिमाही का खर्चा हाऊस में रखा जाए। पूरे साल में लगभग 30 करोड़ का खर्चा हुआ है, जिसमें पिछली तमाही दौरान साढ़े 12 करोड़ का खर्चा दिखाया गया है। 

 

क्या यह खर्चा बजट खर्चने के लिए ही पाया गया है या इस को खर्चने की जरूरत थी। मेयर ने कहा कि पिछली तिमाही का असली खर्चा आगामी मीटिंग में हाऊस में रखा जाएगा। सदस्यों की मांग पर विकास कार्य किए जाते हैं। 

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