Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jan, 2018 08:33 PM
नगर निगम के नॉमिनेटेड काऊंसलर्स के वोटिंग राइट के कोर्ट में विचाराधीन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को भी कोई राहत नहीं मिल पाई है।
चंडीगढ़, (राय): नगर निगम के नॉमिनेटेड काऊंसलर्स के वोटिंग राइट के कोर्ट में विचाराधीन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को भी कोई राहत नहीं मिल पाई है। आज हुई सुनवाई के बाद अब सुप्रीम कोर्ट नॉमिनेटेड काऊंसलर्स के वोटिंग राइट पर 15 जनवरी को सुनवाई करेगा, जबकि चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव 9 जनवरी को है।
अब चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में हाईकोर्ट का ही फैसला लागू होगा और नॉमिनेटेड काऊंसलर्स अब वोट नहीं कर पाएंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा नॉमिनेटेड काऊंसलर्स को वोटिंग राइट से वंचित करने के बाद यह केस सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस वजह से इस बार मेयर के चुनाव में हाईकोर्ट का ही फैसला लागू होगा।
निगम में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के चुनाव 9 जनवरी को हैं। निगम में इस समय भाजपा के 20, कांग्रेस के 4, अकाली दल का 1 और 1 निर्दलीय पार्षद है। एक वोट सांसद का भी है। निगम में पार्षदों की कुल संख्या 35 है लेकिन मतदान का अधिकार सिर्फ अब निर्वाचित पार्षदों को है, जिनकी संख्या 26 है।
बाकी पार्षद मनोनीत हैं, जिनकी संख्या 9 है और इस बार के मेयर चुनाव में वह वोटिंग नहीं कर सकेंगे। नगर निगम में भाजपा का बहुमत है। नॉमिनेटेड काऊंसलर्स भी भाजपा के खेमे में हैं। प्रशासन और एम.सी. के साथ-साथ नॉमिनेटेड काऊंसलर्स भी वोटिंग राइट की लड़ाई लड़ रहे हैं और जिनका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।