Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 09:39 AM
शहर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण लंबे समय से बड़ी समस्या बना हुआ है। लोगों ने न घर के बाहर की जमीन छोड़ी है और न दुकानों के आगे के रास्ते।
चंडीगढ़ (अधिकारी): शहर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण लंबे समय से बड़ी समस्या बना हुआ है। लोगों ने न घर के बाहर की जमीन छोड़ी है और न दुकानों के आगे के रास्ते। अवैध कब्जों से सिकुड़ रहे चंडीगढ़ में अब न तो आवासीय क्षेत्र खुले-डुले रह गए हैं, न मार्कीट्स में गाडिय़ों के लिए पर्याप्त जगह मिल रही है। हालात बताते हैं कि शहर में अब अवैध कब्जों पर प्रशासन भी मेहरबान है। तमाम अफसरों को सब पता है कि यह अतिक्रमण कौन कर रहा और करवा रहा है।
खुद प्रशासन इस स्थिति के लिए शहर के नेताओं को जिम्मेदार ठहरा चुका है। प्रशासन ने बाकायदा जांच के बाद कांग्रेस के शासन के दौरान शहर में ऐसे 25 नेताओं की सूची बनाई, जो सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं लेकिन कार्रवाई किसी पर नहीं की गई। इनमें अधिकांश कांग्रेसी नेता हैं। अब भाजपा शासन में भी चुप्पी साध ली गई है। पूरे मामले पर कोई अफसर बोलने को भी तैयार नहीं है। इतना जरूर कहा जा रहा है कि शहर में अतिक्रमण को बढ़ावा देने वालों की नई सूची जल्द तैयार की जाएगी।
हाऊसिंग बोर्ड भी सवालों के घेरे में
शहर में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों के बाद मकानों में अवैध निर्माण भी कम नहीं है। इनको लेकर चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड भी हमेशा सवालों के घेरे में रहा है। मकानों में अवैध निर्माणों को लेकर सबसे ज्यादा सैक्टर-45 विवादों में रहता आया है। सैक्टर-45 के एक अकेले ब्लॉक-सी की बात करें तो छह साल पहले एक सर्वे में सामने आया कि यहां के 1140 मकानों में से 94 फीसदी मकानों में अवैध निर्माण किया जा चुका है लेकिन नोटिस सिर्फ 112 यानी 10.34 प्रतिशत मकानों को दिए गए। यही नहीं, तोडफ़ोड़ के आदेश भी इनमें से सिर्फ 23 मकानों यानी मात्र 2.13 प्रतिशत मकानों के लिए हुए। शहर के बाजारों की बात करें तो अकेले सैक्टर-22 में 95 फीसदी अतिक्रमण है लेकिन यहां कार्रवाई केवल चालान तक सीमित है।
अतिक्रमण करवाने वालों में 2 पूर्व मेयर भी
बनाई गई सूची में दो पूर्व मेयर सुभाष चावला और ललित जोशी के नाम भी शामिल हैं। 25 लोगों के नाम हैं। अब एक की मृत्यु हो चुकी है। आरोप है कि शहर में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों को यह नेता अपना समर्थन देते हैं। जब अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की भी जाती है तो यही नेता कार्रवाई के आड़े भी आते हैं लेकिन खास बात यह है कि यह सबकुछ जानकर भी प्रशासन ने इनके खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। सूची में बाकायदा यह भी लिखा गया है कि इन नेताओं पर शहर के किस बड़े नेता का हाथ है। कुछ ऐसे लोगों के नाम भी हैं, जो किसी पार्टी से नहीं जुड़े रहे लेकिन अवैध कब्जों में उनका हाथ रहा है।
सूची में इन लोगों के हैं नाम
नाम पार्टी किसका हाथ
1. रामपाल शर्मा कांग्रेस पवन बंसल
2. सुभाष चावला कांग्रेस पवन बंसल
3. ललित जोशी कांग्रेस पवन बंसल
4. पवन कुमार शर्मा कांग्रेस पवन बंसल
5. खलील अहमद कांग्रेस पवन बंसल
6. मोहम्मद सद्दीक कांग्रेस बी.बी. बहल
7. एस.एम. खान --- विनोद शर्मा
8. आर.पी. शुक्ला कांग्रेस ----
9. मेघराज वर्मा भाजपा सत्यपाल जैन
10. शशिशंकर तिवारी तब भाजपा (अब कांग्रेस) सत्यपाल जैन
11. हरिशंकर मिश्रा भाजपा ------
12. राजिंदर सिंह भाजपा ------
13. राम भवन ---- पवन बंसल
14. राम संजीवन मिश्रा ---- पवन बंसल
15. सलीम खान ---- हरमोहन धवन
16. हामिद बारबर ---- पवन बंसल
17. कुलवंत सिंह (लैंड स्कैम केस में गिरफ्तार हुए)
18. राजिंदर जैन (लैंड स्कैम केस में गिरफ्तार हुए)
19. बीर सिंह मास्टर --- पवन बंसल
20. अशोक चौटाला ---- पवन बंसल
21. भजन सिंह --- (लैंड स्कैम केस में गिरफ्तार) बी.बी. बहल
22. अजमेर सिंह पूर्व सरपंच ---
23. डा. गजनवी ---- (बी.बी. बहल)
24. रघुवीर सिंह पूर्व सरपंच -----