आरोपी कैंथ की जमानत अर्जी का विरोध

Edited By ,Updated: 02 Jul, 2016 07:32 AM

opposed the bail plea of accused

विधवा महिला के प्लाट पर कब्जा करने के आरोपी भाजपा नेता व नगर निगम चंडीगढ़ के काऊंसलर सतीश कुमार कैंथ की नियमित जमानत अर्जी का यू.टी. पुलिस ने विरोध किया है।

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): विधवा महिला के प्लाट पर कब्जा करने के आरोपी भाजपा नेता व नगर निगम चंडीगढ़ के काऊंसलर सतीश कुमार कैंथ की नियमित जमानत अर्जी का यू.टी. पुलिस ने विरोध किया है। पुलिस ने दायर अर्जी पर जवाब देते हुए कहा कि कैं थ की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने कोई चारा न होने पर कोर्ट में सरैंडर किया था। 

 
पुलिस के मुताबिक कैंथ ने अपनी कुर्सी व राजनीतिक ङ्क्षलक्स का दुरुपयोग किया है। जमीन हड़पने के मामले में कैंथ को ही पुलिस ने मास्टर माइंड बताया है। पुलिस का जवाब सुनने के बाद कोर्ट ने अर्जी पर बहस व फैसले के लिए 2 जुलाई की तारीख तय की है। गत 27 जून को कैं थ ने दायर जमानत अर्जी में कहा था कि उसे केस में झूठा फंसाया है। संबंधित जमीन की जी.पी.ए. उनके पिता सोहन लाल के नाम है। 
 
वहीं इसकी सेल डीड उनकी पत्नी जसवंत कौर के नाम है। कागजों में कहीं नहीं है कि उन्होंने (कैंथ) ने कुछ गलत किया है। कैं थ समेत उनके पिता व पत्नी के खिलाफ सैक्टर-31 थाना पुलिस ने इसी वर्ष 14 मार्च को धोखाधड़ी व आपराधिक ट्रैसपासिंग की धाराओं में केस दर्ज किया था। वहीं हाईकोर्ट से कैंथ के पिता की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर होने के बाद शुक्रवार को उनकी पत्नी जसवंत कौर की भी अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली गई। 
 
 
फर्जीवाड़ा कर जमीन कब्जाई: पुलिस
 
कैंथ व उनके परिवार पर शिकायतकर्ता की जमीन पर गैर-कानूनी तरीके से दाखिल हो जालसाजी कर जमीन हथियाने के आरोप पुलिस ने लगाए हैं। राजस्व विभाग के रिकार्ड को भी पुलिस ने आधार बनाया है। पुलिस ने कहा कि आरोप गंभीर प्रवृत्ति के थे और कानूनी राय लेने के बाद पूरी जांच करने के बाद ही केस दर्ज हुआ था।  लैंड एक्वीजिशन ऑफिसर ने भी पंजाब न्यू  कैपीटल (पेरीफेरी) कंट्रोल एक्ट के तहत 22 मार्च, 2016 को शिकायतकर्ता की जमीन पर आरोपी पक्ष द्वारा खड़े किए ढांचे को ढहाने के आदेश दिए थे। 
 
पुलिस ने हल्लोमाजरा में जमीन के रैवेन्यू रिकार्ड का हवाला देते हुए कहा है कि सतीश कैंथ की पत्नी जसवंत कौर व कैंथ के भाई मनीष कुमार रिकार्ड में दिखाई म्यूटेशन से ज्यादा के एरिया में कब्जा किए हुए हैं। कैंथ के बारे में पुलिस ने कहा है कि 20 अगस्त, 2014 की जो जमाबंदी दिखाई उसमें शाम लाल का नाम नहीं है जबकि जसवंत कौर का नाम है। वहीं जसवंत कौर के नाम के आगे कोई खसरा नंबर नहीं है। 
 
अन्य आपराधिक केस का हवाला दिया
 
पुलिस ने विरोध अर्जी में कैंथ के आपराधिक रिकार्ड का भी हवाला दिया है जिसमें 11 अप्रैल, 2015 को इंडस्ट्रियल एरिया थाने में हत्या के प्रयास, हथियारों समेत दंगा करने, सरकारी कर्मी को ड्यूटी के दौरान चोटिल कर ड्यूटी में बाधा पहुंचाने जैसी धाराओं में दर्ज केस का हवाला दिया गया है। 22 फरवरी, 2011 को जसवंत कौर व मनीष कैंथ के मकान को संबंधित एक्ट के तहत ढहाने के  आदेश हुए थे तब भी कैं थ के प्रभाव के चलते कार्रवाई नहीं हुई।

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