पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडैंट्स हैं इंटरनैट एडिक्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Dec, 2017 10:38 AM

panjab university

पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडैंट्स इंटरनैट के दीवाने हैं। पी.यू. के लड़कों में इंटरनैट की लत मिली है। एक रिसर्च की मानें तो पी.यू. के स्टूडैंट्स इंटरनैट के जरिए एजूकेशनल साइट्स की बजाए सोशल मीडिया, पोर्न साइट्स और गेम्स में व्यस्त रहते हैं।

चंडीगढ़(अर्चना) : पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडैंट्स इंटरनैट के दीवाने हैं। पी.यू. के लड़कों में इंटरनैट की लत मिली है। एक रिसर्च की मानें तो पी.यू. के स्टूडैंट्स इंटरनैट के जरिए एजूकेशनल साइट्स की बजाए सोशल मीडिया, पोर्न साइट्स और गेम्स में व्यस्त रहते हैं। 

 

अपने मोबाइल के जरिए लगातार कई घंटों तक इंटरनैट पर रहने वाले ये स्टूडैंट्स सिर, पीठ, हाथों और ऊंगलियों के दर्द के शिकार तो बने ही हैं, साथ ही उनकी आंखों की रोशनी भी प्रभावित हो रही है। लड़कियों के मुकाबले लड़के मोबाइल पर इंटरनैट में ज्यादा समय बर्बाद करते हैं। 

 

गवर्नमैंट मैडीकल कालेज एंड हॉस्पिटल और पी.यू. के रिसर्च की मानें तो मोबाइल इंटरनैट में लगे रहने वाले 51 प्रतिशत स्टूडैंट्स की आंखों पर स्ट्रेन, 37.6 प्रतिशत को सिर में दर्द, 11 प्रतिशत को हाथ में दर्द जबकि 17 प्रतिशत की आंखों की रोशनी धूमिल हो गई है। स्टडी का उद्देश्य स्टूडैंट्स में इंटरनैट के इस्तेमाल को देखना और उसकी वजह से उनमें आने वाली हैल्थ प्रोब्लम्स की स्टडी थी।  

 

ऐसे किया रिसर्च :
पी.यू. की शोधकर्ता करमजीत कौर ने जी.एम.सी.एच.-32 के कम्युनिटी मैडीसन विभाग के हैड प्रो. नवीन कृष्ण गोयल और पी.यू. के सैंटर फॉर पब्लिक हैल्थ के असिस्टैंट प्रोफेसर मनोज कुमार शर्मा के नेतृत्व में रिसर्च करने के लिए पी.यू. के विभिन्न विभागों समेत कई कालेजों के स्टूडैंट्स को शामिल किया गया। 

 

पी.यू. के नैनोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, न्यूक्लियर मैडीसन, बायोकैमिस्ट्री, इकोनोमिक्स, हिंदी, पंजाबी, इंगलिश, साइकोलॉजी, लॉ, एंथ्रोपोलॉजी, इवनिंग स्टडीज, स्टैटिकस के अलावा एच.एस. जज डैंटल कालेज, यूनिवर्सिटी इंस्टीच्यूट ऑफ इंजीनियिरिंग, यूनिवर्सिटी इंस्टीच्यूट ऑफ बिजनैस स्टडीज, यूनिवर्सिटी कालेज ऑफ कामर्स आदि के स्टूडैंट्स से सवाल किए गए। रिसर्च में 306 स्टूडैंट्स को शामिल किया गया। 

 

यह कहता है रिसर्च :
रिसर्च ने बताया कि पी.यू. का एक स्टूडैंट्स इंटरनैट पर 500 रुपए से लेकर 3000 रुपए खर्च करता है। 88.9 प्रतिशत स्टूडैंट्स मोबाइल से इंटरनैट चलाते हैं, 60.1 प्रतिशत लेपटॉप का इस्तेमाल, 5.9 प्रतिशत लोग डेस्कटॉप, 0.7 प्रतिशत लोग साइबर कैफे का इस्तेमाल करते हैं। 

 

स्टडी में शामिल 133 स्टूडैंट्स 9 रुपए से लेकर 499 रुपए, 58 स्टूडैंट्स 500 से 999 रुपए, 26 स्टूडैंट्स 1000 से 1499 रुपए, चार स्टूडैंट्स 1500 से 1999 रुपए, 6 स्टूडैंट्स 2000 से 2499 रुपए और चार ऐसे स्टूडैंट्स थे जो 2500 से 3000 रुपए इंटरनैट पर खर्च करते हैं। 75 ऐसे स्टूडैंट्स भी मिले जो निशुल्क तौर पर इंटरनैट सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं। 

 

स्टडी की मानें तो एक स्टूडैंट्स महीने में 401.7 रुपए खर्च करता है। स्टडी यह भी कहती है कि एक स्टूडैंट्स दिन के ढाई घंटे इंटरनैट पर व्यस्त रहता है। 29 प्रतिशत तादाद ऐसे स्टूडैंट्स की भी है जो दिन के चौबीस घंटे इंटरनैट पर ही गुजारते हैं। स्टडी कहती है कि 55.6 प्रतिशत स्टूडैंट्स नींद से जागते और 64 प्रतिशत सोने से पहले सारी सोशल साइट्स खंगाल लेते हैं। 

 

इस्तेमाल की जाने वाली साइट्स का ब्यौरा
साइट्स                        स्टूडैंट्स         प्रतिशत
1. सोशल मीडिया          209              68.3
2. इंटरटेनमैंट               169              55.2
3. एजूकेशनल साइट्स   120              39.2
4. पोर्न                        104              34.0
5. गेमिंग                     49               16.0

 

हैल्थ पर ये हुए असर
प्रोब्लम                            स्टूडैंट्स
1. आंखों पर स्टे्रन              156
2. सिर में दर्द                      115
3. पीठ में दर्द                      86
4. हाथ की ऊंगलियों में दर्द    35
5. कुछ नहीं                        40

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