Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Feb, 2018 08:30 AM
पंजाब यूनिवसिर्टी व इससे मान्यता प्राप्त पंजाब के 192 कालेजों में कार्यरत टीचिंग स्टाफ व प्रिंसिपल्स की रिटायरमैंट ऐज 65 वर्ष किए जाने की उम्मीदों पर पंजाब सरकार ने पानी फेरते हुए मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में शपथपत्र देते हुए साफ किया है कि...
चंडीगढ़(ब्यूरो) : पंजाब यूनिवसिर्टी व इससे मान्यता प्राप्त पंजाब के 192 कालेजों में कार्यरत टीचिंग स्टाफ व प्रिंसिपल्स की रिटायरमैंट ऐज 65 वर्ष किए जाने की उम्मीदों पर पंजाब सरकार ने पानी फेरते हुए मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में शपथपत्र देते हुए साफ किया है कि रिटायरमैंट ऐज 60 वर्ष से अधिक बढ़ाई नहीं जा सकती।
पंजाब सरकार द्वारा दिए शपथपत्र के बाद पंजाब विश्वविद्यालय से संबंधित कालेजों के करीब 40000 टीचर्स व प्रिंसिपल्स प्रभावित होंगे जबकि पंजाब विश्वविद्यालय में ही 1000 टीचर हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पी.यू. व इससे संबंधित कालेजों के कुछ टीचिंग स्टाफ ने पटीशन दाखिल कर रिटायरमैंट आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने की मांग की थी जिसमें तर्क दिया गया था कि चूंकि पंजाब विश्वविद्यालय सैंटर इंस्टीच्यूट है जिसे केंद्र से ग्रांट मिलती है।
समझौते के अनुसार पंजाब यूनिवर्सिटी को 60 प्रतिशत ग्रांट केंद्र से व 40 प्रतिशत ग्रांट पंजाब सरकार से मिलती है, ऐसे में हाईकोर्ट ने रिटायरमैंट ऐज के संबंध में पंजाब सरकार को नोटिस कर जवाब मांगा था और सरकार की ओर से मामले की मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर अपना जवाब दिया है कि रिटायरमैंट ऐज बढ़ाना संभव नहीं है। ऐसा करने से बेरोजगारी बढ़ेगी और युवा वर्ग को मौका नहीं मिलेगा। इससे पहले पी.यू. की सीनेट में भी रिटायरमैंट आयु बढ़ाए जाने संबंधी चर्चा में खासा विरोध हुआ था अधिकांश सदस्य इसके हक में नहीं थे।
रिटायरमैंट के बाद अभी कर रहे हैं रिइम्प्लॉयमैंट के तहत काम :
वर्तमान में रिटायर हो चुके टीचर्स रिइम्प्लॉयमैंट स्कीम के तहत 5 वर्ष तक काम कर रहे है उक्त योजना इस मामले को लेकर प्रभावित नहीं होगी जिसके तहत टीचर्स को उक्त अवधि का पैंशन लाभ नहीं मिलता।