पंजाब यूनिवर्सिटी : लाखों का फंड, फिर भी पिछले 4 सालों में ख़रीदा गया सिर्फ एक सी.सी.टी.वी. कैमरा

Edited By ,Updated: 25 Oct, 2016 09:53 AM

panjab university just purchased a cctv camera in the last 4 years

पंजाब यूनिवर्सिटी को हर साल सी.सी.टी.वी. कैमरों के लिए दो लाख रुपए से अधिक रूपये का बजट मिलता है लेकिन फिर भी स्टूडेंट्स की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं।

चंडीगढ़ (हंस): पंजाब यूनिवर्सिटी को हर साल सी.सी.टी.वी. कैमरों के लिए दो लाख रुपए से अधिक रूपये का बजट मिलता है लेकिन फिर भी स्टूडेंट्स की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं। सुरक्षा के लिहाज से पंजाब यूनिवर्सिटी में सी.सी.टी.वी. कैमरे अहम भूमिका निभाते हैं। यह कैमरे कैंपस में आने-जाने वाले हर स्टूडैंट या व्यक्ति पर नजर रखते हैं। वहीं सी.सी.टी.वी. कैमरों के लेकर एक चौंकाने वाली बात सामने आई है आर.टी.आई. से मिली जानकारी में। इसके मुताबिक सत्र 2013 से 2015 तक  पी.यू. कैंपस में महज एक ही सी.सी.टी.वी. कैमरा इंस्टॉल किया गया जो दिसंबर सत्र 2014 में इंस्टाल किया गया। कैमरे की कीमत 5 हजार 730 रुपए थी। बात करें मौजूदा साल का तो इस दौरान भी कोई नया कैमरा नहीं खरीदा गया। 


कैमरों का नाइट विजन नहीं क्लीयर
कैंपस में जो भी कैमरे लगाए जाते हैं वो 6 से 7 हजार की कीमत वाले ही होते हैं। इनका नाइट विजन क्लीयर नहीं होता जबकि  कई बार तो आलम यह होता है कि दिन में कैंपस में अगर कोई घटना हो जाती है तो कैमरे में स्टूडैंट या आऊटसाइडर की तस्वीर साफ नहीं आती। ऐसे में यह सफेद हाथी भी साबित होते हैं। 

रिपेयर और मैंटिनंस के लिए रखा गया बजट 
सत्र             बजट 
2013-14        दो लाख 4 हजार 750
2014-15        88 हजार 920
2015-16        दो लाख 50 हजार 
2016-17        दो लाख 50 हजार 


हर साल हायर किये जाते हैं कैमरें 
उल्लेखनीय है कि पी.यू. में हर वर्ष स्टूडैंट काऊंसिल चुनावों के तहत कैमरे हॉयर किए जाते थे। इन्हें हायर करने में तीन से चार लाख का खर्चा आता था। हालांकि इस बार सत्र 2016 के चुनावों में  पी.यू. ने सी.सी.टी.वी. कैमरे हॉयर ही नहीं किए। प्रबंधन ने दावा किया उनके पास कैमरे पूरे थे। पी.यू. कैंपस में कैमरे आठ से दस साल पुराने लगे है।  इनमें से ज्यादातर कैमरे ऐसे हैं जो खराब हो चुके हैं। पी.यू. प्रबंधन के मुताबिक उच्च क्वालिटी के कैमरे महंगे हैं। पी.यू. प्रबंधन  के मुताबिक जो बजट पुराने वर्षों में खर्च नहीं होता वह आगे फारवर्ड हो जाता है। ऐसे में इस बजट से इस वर्ष में काम किया जाएगा।

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