पुलिस वालों के हत्यारे को 24 वर्षों में नहीं खोज पाई पुलिस

Edited By ,Updated: 27 Sep, 2016 11:02 AM

police could not find killer

अपने ही विभाग के एस.एस.पी. को निशाना बनाकर उनके काफिले को बम से उड़ाने और 3 पुलिसकर्मियों की हत्या के दोषी करार दिए गए आतंकी मनमोहन सिंह को चंडीगढ़ पुलिस 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पाई।

चंडीगढ़,(कुलदीप): अपने ही विभाग के एस.एस.पी. को निशाना बनाकर उनके काफिले को बम से उड़ाने और 3 पुलिसकर्मियों की हत्या के दोषी करार दिए गए आतंकी मनमोहन सिंह को चंडीगढ़ पुलिस 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पाई। आरोपी मनमोहन तक पहुंचने की चंडीगढ़ पुलिस के ऑप्रेशन सैल व आलाधिकारियों की हर कोशिश नाकाम रही है। मनमोहन सिंह के खिलाफ 302 (हत्या), 427 (नुक्सान पहुंचाना), 323 (चोट पहुंचाना) और 34 आई.पी.सी., 3/4 विस्फोटक अधिनियम और टाडा के 3/4/5 के तहत केस रजिस्टर्ड कर भगौड़ा घोषित हो चुका है। जिसका लुकआऊट नोटिस भी वर्षों पहले जारी किया जा चुका है। 


1991 में हुआ था ब्लास्ट 
खालिस्तान समर्थित आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के सदस्यों ने 29 अगस्त, 1991 में चंडीगढ़ के एस.एस.पी. सुमेध सिंह सैनी के काफिले को बम से उड़ाने की साजिश के तहत के.सी. सिनेमा के पास ब्लास्ट करवाया था। बयानकर्ता पुलिसकर्मी ने बताया कि पुलिस हैडक्वार्टर से एस.एस.पी. सुमेध सिंह सैनी अपनी एम्बैसडर कार में निकले थे। इस दौरान उनकी गाड़ी हैड कांस्टेबल अमीन चंद ड्राइव कर रहे थे और ड्राइवर की बाएं तरफ सीट पर ए.एस.आई. रमेश लाल (पी.एस.ओ.) बैठे थे, जबकि सुमेध सिंह सैनी पीछे वाली सीट पर और ए.एस.आई. लालूराम उनकी दाहिनी तरफ बैठा था। इसके साथ पीछे जिप्सी सवार सी.आर.पी.एफ. जवानों की टीम सुरक्षा के तौर पर लगी थी। जैसे ही उनकी गाड़ी एस.बी.आई. बैंक के हैड ऑफिस के सामने वाली सड़क पर पहुंची तो वहां सड़क किनारे खड़ी पंजाब नंबर की कार के समीप एस.एस.पी. की गाड़ी आते ही ब्लास्ट हो गया। इस धमाके के बाद गाड़ी हवा में उड़ते हुए काफी दूर जाकर गिरी। 

ऐसे किया था धमाका
अभियोजन पक्ष के अनुसार 9 आरोपियों ने मोहाली स्थित निवास पर वर्ष 1991 में हुए बम विस्फोट की साजिश रची थी। विस्फोट करने के लिए 20 किलोग्राम आर.डी.एक्स. व एक रिमोट कंट्रोल का इस्तेमाल किया गया था। इस ब्लास्ट की जांच में खुलासा हुआ था कि हमला करने वाले खालिस्तान  समर्थक आतंकी थे। 

यह था आरोपी का एड्रैस
मोस्ट वांटेड भगौड़ा मनमोहन सिंह सैक्टर-37 में रहा करता था। चंडीगढ़ पुलिस का दावा है कि ब्लास्ट के बाद आरोपी के परिजनों से पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्होंने मनमोहन का उनके संपर्क में होने से इनकार किया था। सूत्रों से जानकारी मिली कि आरोपी इंडिया से बाहर भाग गया था। 

अमरीका में होने की सूचना मिली थी 
अमरीका की खुफिया एजैंसी एफ.बी.आई. ने करीब 2007 में आरोपी मनमोहन सिंह के बारे में खुलासा किया था कि वह अमरीका में है। वहां मल्टीनैशनल कंपनी में जॉब कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद चंडीगढ़ पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई। 

आप भी दे सकते हैं जानकारी 
अगर आपके बीच में कोई मोस्ट वांटेड या भगौड़ा रहता है तो पुलिस को जानकारी देने के अलावा ‘पंजाब केसरी’ ऑफिस में जानकारी पहुंचा पकड़वाने में मदद कर सकते हैं। वहीं आपकी इच्छानुसार आपकी पहचान को गुप्त रखते हुए अगर उस आरोपी पर ईनाम है तो पुलिस विभाग की तरफ से दिलवाने में मदद की जाएगी।

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