Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Oct, 2017 08:59 PM
शहर भर के प्राइवेट स्कूलों के सदस्य, टीचर्स अन्य स्टाफ ने केंद्र सरकार और सी.बी.एस.ई. की नई गाइडलाइन के विरोध के खिलाफ वीरवार को ब्लैक-डे मनाते हुए काले बिल्ले लगाकर साइलैंट प्रोटैस्ट किया। इस दौरान प्राइवेट स्कूलों की कई बसों पर भी ब्लैक-डे का बैनर...
चंडीगढ़, (रश्मि): शहर भर के प्राइवेट स्कूलों के सदस्य, टीचर्स अन्य स्टाफ ने केंद्र सरकार और सी.बी.एस.ई. की नई गाइडलाइन के विरोध के खिलाफ वीरवार को ब्लैक-डे मनाते हुए काले बिल्ले लगाकर साइलैंट प्रोटैस्ट किया। इस दौरान प्राइवेट स्कूलों की कई बसों पर भी ब्लैक-डे का बैनर लगे नजर आए। इंडीपैंडैंट स्कूल एसोसिएशन के अनुसार वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एम.एच.आर.डी को एक पत्र लिख रहे हैं जिसमें एक संक्युक्त बैठक करने और उसमें उनके कुछ रिप्रैजैंटेटिवस को भी शामिल करने की बात कहेंगे।
प्राइवेट स्कूलों ने वीरवार को ब्लैकडे इसलिए मनाया क्योंकि एजुकेशन सैक्टर में गलत सरकारी नीतियां आ रही हैं और स्कूल के मैनेजमेंट में सरकार का दखल बढ़ता जा रहा है। इसी का विरोध करते हुए मैनेजमेंट, टीचर्स, स्टाफ ने अपना विरोध जताया है। प्राइवेट स्कूल्स की माने तो स्कूल में कोई भी घटना होने पर टीचर्स और प्रिंसिपल को दोषी मानते हुए केस दर्ज किए जाने की नीति बना दी गई है।
जब इससे भी सरकार का मन नहीं भरा तो पुलिस वैरिफिकेशन और साइकॉमैट्रिक टैस्ट करवाने का आदेश जारी कर दिया गया। टीचर्स की नियुक्ति को लेकर जो नियम बनाए हैं, उससे बेहतर रिजल्ट वाली टीचर्स के तजुर्बे को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे देशभर में लाखों टीचर्स बेरोजगार हो जाएंगे। किसी भी शहर में एकाध घटना के बाद सरकार सभी प्राइवेट स्कूलों को क्रिमिनल और चोर मानने लगी हैं और उनपर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।