Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2017 09:32 AM
देश की हदों पर चौकीदारी करते शहीद हुए 1962-65 और 71 की जंग में फौजियों की विधावाओं और परिवारिक सदस्यों के साथ पंजाब सरकार द्वारा फिर मजाक किया जा रिहा है।
मोहाली (नियामियां): देश की हदों पर चौकीदारी करते शहीद हुए 1962-65 और 71 की जंग में फौजियों की विधावाओं और परिवारिक सदस्यों के साथ पंजाब सरकार द्वारा फिर मजाक किया जा रिहा है। सरकार ने पेश किए बजट में जंगी शहीद परिवारों के लिए कोई मद्द न देने के कारण परिवारों में रोष की लहर है और इसी रोष के चलते कल चंडीगढ़ मुख्य मंत्री की कोठी का घेराव किया जाएगा।
एयरफोर्स के पूर्व जूनियर वारंट अफसर करनैल सिंह बैदवाण व गुरसेवक सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार भी पूर्व अकाली भाजपा सरकार के रास्ते पर चल पड़ी है और जंगी शहीद परिवारों को तीन महीनों से सिर्फ बहाने लगाए जा रहे हैं और अब पेश किए बजट में भी कोई राहत का ऐलान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते पारिवारिक सदस्यों ने पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से साथ मुलाकात करके सारी गाथा सुनाई थी, परन्तु जिस तरह का मनप्रीत का रवैया दिखाया था, उनको शक तब ही हो गया था, कि सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है।
जब जंगी शहीदों के परिवार धरने पर बैठे तो पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जंगी अवार्ड के तौर पर मिलने वाली 10-10 एकड़ जमीन की जगह तीन किश्तों में 50 लाख रुपए देने का ऐलान किया था। जिसमें से 20 लाख रुपए पहले और बाकी 15 लाख की 2 किश्तों में देने का ऐलान किया था और इस संबंधित सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था, परन्तु अब मौजूदा सरकार पैसे देने तो एक तरफ पूर्व सरकार का नोटिफिकेशन भी रद्द करने की तैयारी में है। शहीद हुए फौजियों के पारिवारिक सदस्यों ने चेतावनी दी है कि सरकार ने उनका बनते हक से वंचित रखा तो मुख्यमंत्री की कोठी के बाहर मरणव्रत पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएंगे।