पंजाब पुलिस को भी सताने लगा 'STING' का डर

Edited By ,Updated: 31 Aug, 2016 02:06 AM

punjab police were torturing sting fear

आम आदमी पार्टी (आप) में 'STING'को लेकर छिड़ी खींचतान के बीच ही पंजाब पुलिस को भी ...

चंडीगढ़(रमनजीत): आम आदमी पार्टी (आप) में 'STING' को लेकर छिड़ी खींचतान के बीच ही पंजाब पुलिस को भी 'STING' का डर सताने लगा है। पुलिस अधिकारियों ने एक आदेश में मुलाजिमों को अपने स्मार्टफोन्स से कॉल रिकॉॄडग सॉफ्टवेयर हटाने को कहा है। 

 
जानकारी के मुताबिक पुलिस अधिकारियों को कई जगहों से ये सूचनाएं हासिल हो रही थीं कि स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल कर रहे अधिकतर पुलिस मुलाजिमों व अन्य के फोन्स में ऐसा सॉफ्टवेयर इंस्टाल है जिससे हर बार कॉल शुरू होते ही बातचीत भी रिकॉर्ड होना शुरू हो जाती है। इसके बारे में दूसरी तरफ से बात करने वाले को पता भी नहीं चलता। हालांकि बिना अनुमति के किसी की भी बातचीत को ऐसे रिकॉर्ड करना गैर-कानूनी भी है लेकिन फिर भी अक्सर ऐसा किया जा रहा है। 
 
पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली में वायरलैस सिस्टम के बाद ज्यादातर कम्यूनिकेशन मोबाइल फोन के जरिए ही हो रहा है। ऑफिशियल कम्यूनिकेशन के दौरान की गई ऐसी बातचीत भी शामिल रहती है जिसका कानूनी प्रक्रिया के दौरान आपराधिक तत्वों को फायदा हासिल हो सकता है। इसके साथ ही कई अन्य तरह की जानकारियां भी रिकॉॄडग के जरिए गलत हाथों में पहुंचने की संभावना बनी रहती है इसलिए पुलिस अधिकारियों ने विभिन्न जिला पुलिस प्रमुखों के माध्यम से सभी पुलिस मुलाजिमों को अपने स्मार्टफोन्स से सॉफ्टवेयर अन-इंस्टाल करने को कहा है। 
 
29 अगस्त को जारी हुए व ‘पंजाब केसरी’ के हाथ लगे ऐसे ही संगरूर जिला पुलिस के एक आदेश में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि 3 दिन के बाद उक्त आदेश के मुताबिक मुलाजिमों के फोन्स की जांच की जाएगी और यदि किसी के फोन में ऐसा सॉफ्टवेयर मिला तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
 

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