पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाएंगे राहुल

Edited By ,Updated: 01 May, 2016 01:44 PM

rahul gandhi sympathy with jaat reservation victims

जाट आरक्षण आंदोलन के बहाने हरियाणा भाजपा सरकार कांग्रेस की घेराबंदी में जुटी है, लेकिन कांग्रेस इतनी जल्दी झुकने के मूड में नहीं है। भाजपा सरकार को जवाब देने के लिए पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व मैदान में उतरने की तैयारी में है।

चंडीगढ़, (बंसल): जाट आरक्षण आंदोलन के बहाने हरियाणा भाजपा सरकार कांग्रेस की घेराबंदी में जुटी है, लेकिन कांग्रेस इतनी जल्दी झुकने के मूड में नहीं है। भाजपा सरकार को जवाब देने के लिए पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व मैदान में उतरने की तैयारी में है। 

 

दंगा पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जल्द ही हरियाणा का दौरा करेंगे।  गत दिवस नई दिल्ली में 12 तुगलक रोड स्थित अपने निवास पर हरियाणा के पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने यह जानकारी दी।

 

राहुल ने हरियाणा में जाट आंदोलन के लिए भाजपा और आर.एस.एस. को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में हुए दंगे भाजपा की राजनीतिक साजिश और ‘फूट डालो, राज करो’ की नीति का परिणाम थे। 

 

उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात में भी भाजपा यह नीति लागू कर चुकी है। दंगों के बूते सत्ता हथियाने और खुद को भगवान साबित करने की कोशिश में जुटे पी.एम. नरेंद्र मोदी और आर.एस.एस. प्रमुख मोहन भागवत की साजिशों से पर्दा उठ चुका है। 

 

उधर, जाट आंदोलन पर मुखर होकर बोलने के बजाय 1-2 ट्वीट से ही काम चलाने के सवाल पर राहुल ने कहा कि हमने मजबूती से आवाज उठाई है। भाजपा की प्रदेश के लोगों को जाट और गैर जाट में बांटने की साजिश कांग्रेस ही बेनकाब करेगी। 

 

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा पर लगे आरोप नकारते हुए राहुल ने कहा, कांग्रेस के 10 साल के राज में सिर्फ विकास हुआ था। लेकिन भाजपा के डेढ़ साल के कार्यकाल में दंगे हो गए। 

 

‘पहले इंसान, फिर हिंदुस्तानी और आखिर में कांग्रेसी’ 

राहुल ने कहा कि उनके परिवार को बदनाम करने के लिए समय-समय पर तरह-तरह के बेबुनियाद आरोप लगाए जाते हैं। भावुक अंदाज में राहुल बोले, कहा कि मैं पहले इंसान हूं, फिर हिंदुस्तानीऔर आखिर में कांग्रेसी। कांग्रेस में एक परिवार के राज जैसे आरोपों को नकारते हुए राहुल बोले, मेरे परिवार में दो से ज्यादा पद नहीं हैं।

 

पद की लालसा होती तो मैं कब का प्रधानमंत्री बन गया होता।  राहुल ने संकेत दिए कि पार्टी में वह सर्वोच्च जिम्मेदारी से भाग नहीं रहे हैं। जल्द ही वह अध्यक्ष भी बन सकते हैं। उन्होंने कहा, अगर मुझे जिम्मेदारी से बचना होता तो लोकसभा चुनाव में ही बचता। लेकिन मैंने चुनौती का सामना किया। राहुल के साथ रणदीप सुर्जेवाला भी थे। 

 

कांग्रेस में लौटने वालों का स्वागत 

हजकां के कांग्रेस में विलय के सवाल पर राहुल ने दो टूक कहा कि कांग्रेसी विचारधारा के नेताओं को पार्टी में शामिल करना एक अच्छी कोशिश है। पिछले कुछ साल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा व अन्य दलों में गए जो भी नेता लौटना चाहते हैं, उन सबकी वापसी संभव है। वहीं, हरियाणा सहित देशभर में कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी के सवाल पर राहुल ने साफगोई से कहा कि सभी मिलकर कांग्रेस की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं। 

 

ब्रांडिंग की राजनीति नहीं पसंद 

सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य कई नेताओं की तुलना में बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं दिखने के सवाल पर राहुल ने कहा कि वह सही मायनों में लोगों के बीच रहकर काम करना चाहते हैं। सोशल मीडिया पर तो सिर्फ ब्रांडिंग, मार्कीटिंग और पैसे का खेल है। 

 

मुझे ऐसी राजनीति पसंद नहीं है। मोदी ने तो मुझे बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर कई सौ करोड़ रुपए खर्च कर रखे हैं।  उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी नहीं, विचारधारा है। जबकि भाजपा, संघ और केजरीवाल की राजनीति बिजनैस आधारित है। उनकी अपनी कोई विचारधारा नहीं है। 

 

जूडो मैडिटेशन दिनचर्या का हिस्सा 

राहुल गांधी की कोशिश रोज दोपहर का भोजन अपनी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका के साथ करने की रहती है। वह सुबह-शाम जूडो जरूर करते हैं। मैडिटेशन भी उनकी दिनचर्या में शामिल है। खाने की अगर बात करें तो उन्हें करेला पसंद नहीं है। दिनभर मुलाकात के बाद शाम को राजनीति पर अध्ययन करते हैं।

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