Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:22 PM
सरकारी स्कूलों में भले ही सरकार बच्चों को अच्छी शिक्षा व सुविधा देने के दावे करती रही हो मगर मसौल में ये दावे किसी मखौल से कम नहीं लगते।
नयागांव(मुनीष) : सरकारी स्कूलों में भले ही सरकार बच्चों को अच्छी शिक्षा व सुविधा देने के दावे करती रही हो मगर मसौल में ये दावे किसी मखौल से कम नहीं लगते।
चंडीगढ़ से कुछ ही किलोमीटर की दूृरी पर बसे इस गांव के सरकारी स्कूल में तीन कमरे हैं, दो टीचर हैं और क्लासें पांच। 65 बच्चों वाले इस स्कूल में मात्र एक ही कम्प्यूटर है, मगर वो भी खराब। पीने को साफ पानी तक नहीं। अगर बारिश हो जाए तो बच्चों की दिक्कत और बढ़ जाती है। स्कूल के पास से एक खड्ड गुजरती है और बारिश में इसे पार करना किसी खतरे से कम नहीं है।
पांचवीं के बाद हरियाणा के स्कूलों में जाना पड़ता है :
गांव में पांचवीं के बाद कई बच्चे या तो पढ़ते नहीं या फिर उन्हें हरियाणा के स्कूलों में पढऩे के लिए जाना पड़ता है। बच्चों के परिजनों का कहना है कि मसौल से नयागांव तक जाने का रास्ता बच्चों के लिए ठीक नहीं है। स्कूल में कंप्यूटर खराब होने के संबंध में जब अध्यापक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जबसे क प्यूटर आया है, तब से ही यह खराब पड़ा है।
डी.सी. के दौरे के बावजूद नहीं सुधरे हालात :
कुछ माह पहले ही डी.सी. मोहाली गुरप्रीत कौर सपरा यहां निरीक्षण भी कर चुकी हैं, मगर इसके बाद भी गांव की हालत जस की तस है।