रेहड़ी-फड़ी वालों के सर्वे का काम हुआ पूरा, लेकिन टारगेट रहा अधूरा

Edited By ,Updated: 31 Aug, 2016 09:32 AM

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नगर निगम की ओर से स्ट्रीट वैंडर एक्ट के तहत शहर के रेहड़ी-फड़ी वालों का शुरू करवाया गया सर्वे का काम आज पूरा हो गया।

चंडीगढ़ (राय) : नगर निगम की ओर से स्ट्रीट वैंडर एक्ट के तहत शहर के रेहड़ी-फड़ी वालों का शुरू करवाया गया सर्वे का काम आज पूरा हो गया। हालांकि निगम ने अधिकतम 25 हजार लोगों के लाइसैंस बनाने का फैसला लिया था लेकिन सर्वे में 19 हजार ही हो सके। सर्वे का काम देख रही हरियाणा नवयुवक संगम एजैंसी के प्रवीण चौधरी ने बताया की टारगेट के हिसाब से रेहड़ी फड़ी वालों की संख्या कम ही निकली। उन्होंने कहा कि सर्वे का काम आज पूरा हो गया है अब 7 सितम्बर तक केवल उन लोगों का ही सर्वे किया जाएगा जो किसी कारण अपना सर्वे नहीं करवा सके थे। यह लोग अपना सर्वे करवाने के लिए एजैंसियों से संपर्क कर सकते हैं। 

 

हालांकि सर्वे के काम को देखते हुए शहर में कई ज्यादा नई रेहडिय़ां भी लग गई लेकिन निगम ने भी सर्वे में किसी भी रेहड़ी को नहीं छोड़ा। इससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि शहर में तय संख्या से अधिक वैंडर सर्वे में आ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नगर निगम ने सर्वे का काम हरियाणा नवयुवक संगम एजैंसी को सौंपा हुआ था। चौधरी ने बताया कि इस माह के अंत तक सर्वे का काम पूरा करना था और जितनी वैंडरों के होने की उम्मीद जताई जा रही थी, उससे कम ही वैंडर हो सके। गौरतलब है कि सबसे अधिक समय सैक्टर-22 के सर्वे में लगा है। 

 

यहां पहले लगभग 163 रेहड़ी फड़ी वालों की सूची तैयार की गई थी, जिसे रेहड़ी-फड़ी वालों ने ही तैयार किया था, लेकिन जब यहां सर्वे हुआ, तब इनकी संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई थी। इस काम में संबंधित कंपनी ने 30 कर्मियों को सर्वे में लगाया हुआ था। यही कारण है कि सर्वे का काम तय समय के अंदर पूरा हो सका।

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