सोलर एनर्जी टारगेट निगम के 20 मैगावाट से होगा पूरा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 10:00 AM

solar energy will complete the target of 20 mw of target corporation

मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंडरिन्यूअबल एनर्जी (एम.एन.आर.ई.) की ओर से 2022 तक दिए गए 50 मैगावाट सोलर एनर्जी के टागरेट को पूरा करना मुश्किल होता जा रहा है।

चंडीगढ़ (विजय): मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंडरिन्यूअबल एनर्जी (एम.एन.आर.ई.) की ओर से 2022 तक दिए गए 50 मैगावाट सोलर एनर्जी के टागरेट को पूरा करना मुश्किल होता जा रहा है। अब इस टारगेट को हासिल करने में केवल पांच साल का समय बाकी है। इस साल के अंत तक चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसायटी (क्रेस्ट) लगभग 13 मैगावाट सोलर एनर्जी जनरेट करने में सफल हो जाएगा, लेकिन इसके बाद बचे हुए 37 मैगावाट सोलर एनर्जी के गैप को भरना इतना आसान नहीं होगा। 

 

यही वजह है कि अब क्रेस्ट ने नगर निगम की मदद लेने की योजना तैयार की है। नगर निगम की बिल्डिंज्स में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए क्रेस्ट की ओर से नगर निगम को एक लैटर भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि सैक्टर-39 के वाटर वक्र्स सहित नगर निगम की कईं अन्य बिल्डिंग्स में सोलर फोटोवॉल्टिक रूफटॉप लगाए जा सकते हैं। इस तरह लगभग 20 मैगावाट सोलर एनर्जी नगर निगम के अंतर्गत आने वाली इमारतों के जरिए हासिल की जा सकती है। अगर ऐसा हो जाता है तो एम.एन.आर.ई. की ओर से दिए गए टारगैट पूरा करने में काफी मदद मिलेगी। 


 

इन्वेस्टमैंट भी नहीं करनी होगी
20 मैगावाट के सोलर प्लांट्स को इंस्टॉल करने में करोड़ों रुपए खर्चा आने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिस कारण क्रेस्ट इन सारे प्रोजैक्ट्स को कंपनियों के जरिए लगवाएगा। इसमें पूरा इन्वेस्टमैंट कंपनियों का ही होगा। इसके बदले में कंपनी से बिजली चंडीगढ़ प्रशासन को बेची जाएगी। यानि क्रेस्ट को किसी भी तरह की इन्वेस्टमैंट नहीं करनी होगी। 

 

3.50 रुपए से बेची जा सकती है बिजली
मिनिस्ट्री द्वारा पास किए गए नए रैगुलेशन से बिजली को बेचने का काम और भी आसान हो गया है। क्रेस्ट ने जो प्लान तैयार किया है उसमें इस प्रोजैक्ट के लिए नैट मीटरिंग मोड को अपनाने की सिफारिश की गई है। इसके तहत जिस कंपनी को कांट्रैक्ट दिया जाएगा वह कंपनी चंडीगढ़ प्रशासन को 3.50 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बेच सकती है। 

 

डी.सी. ऑफिस को लिखा लेटर
इस साल प्रशासन की ओर से नोटिफाई किए गए नए बिल्डिंग बायलॉज में 5 मरले से अधिक के मकान में सोलर पैनल लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन अभी तक क्रेस्ट को यह जानकारी नहीं है कि कितने घरों में इसके बाद से सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। अब इसके लिए डी.सी. ऑफिस को लैटर लिखा जाएगा। जिसके जरिए यह जानकारी उपलब्ध की जाएगी कि शहर के कितने घर ऐसे हैं जहां सोलर पैनल नहीं लगे हुए हैं।

 

पटियाला की राव में शुरू नहीं हो पाया प्रोजैक्ट
शहर के सबसे बड़ी सोलर प्रोजैक्ट को तैयार करने का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया। यह प्रोजैक्ट पटियाला की राव में बनाया जाना है, लेकिन सिक्योरिटी रीजन से अभी तक यह प्रोजैक्ट कागजों में ही बंद है। दरअसल अधिकारियों का कहना है कि पटियाला की राव में ओपन स्पेस में सोलर पैनल लगाए जाने हैं, आसपास के एरिया से गुजरने वाले लोग इन पैनल्स को किसी भी प्रकार की हानी पहुंचा सकते हैं। इसलिए यह प्रोजैक्ट काफी धीमी गति से चल रहा है। यह प्रोजैक्ट इंजीनियरिंग विभाग को तैयार करना है। 


 

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