दांतों की बीमारी को न करें नजरअंदाज हो सकता हैं दिल को खतरा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Mar, 2018 01:00 PM

teeth problem and gum problem can be dangerous

दांतों के संक्रमण को नजरअंदाज न करें, तुरंत डाक्टर के पास जाएं और इसका इलाज करवाएं, नहीं तो यह आपके लिए भारी पड़ सकता है। दां

चंडीगढ़ (साजन): दांतों के संक्रमण को नजरअंदाज न करें, तुरंत डाक्टर के पास जाएं और इसका इलाज करवाएं, नहीं तो यह आपके लिए भारी पड़ सकता है। दांतों का इन्फैक्शन कई अन्य घातक रोगों की वजह बन सकता है। संक्रमण दिल और गुर्दों के साथ न्यूरो की बीमारियां दे सकता है। 

 

मधुमेह जैसी लाइफ स्टाइल डिजीज हो सकती है। गर्भवती महिलाओं के अलावा उनके होने वाले बच्चों को भी कई परेशानियां हो सकती हैं। पी.जी.आई. के ओरल हैल्थ साइंसेज सैंटर की पत्रकार वार्ता में डाक्टरों ने यह चेतावनी दी। विभाग के हैड प्रो. के. गाबा के अनुसार ओरल हैल्थ (दांतों और मसूड़ों की हैल्थ) सही होना जरूरी है। 

 

अगर दांतों और मसूड़ों में संक्रमण है तो मुंह में पैदा हुए बैक्टीरिया पानी व भोजन के साथ अन्य अंगों तक पहुंच सकते हैं। डा. के. गाबा और डा. आशिमा गोयल ने बताया कि मुंह में संक्रमण होने पर स्ट्रेप्टोकॉकस बैक्टीरिया बनता है जो शरीर में दाखिल होते ही रक्त वाहिनियों में ब्लड सैल प्लॉक (दांतों पर जमी पपड़ी) बनाता है इससे रक्त वाहिनियों का रास्ता अवरुद्ध होने लगता है। 

 

इस कारण ब्लड प्रैशर बढऩा शुरू हो जाता है जिससे स्ट्रोक, हार्ट फेलियर के साथ-साथ गुर्दों आदि से जुड़े रोग, मधुमेह का खतरा रहता है। गर्भवती महिलाओं में ऐसी स्थिति में बच्चा समय से पहले या कम वजन का पैदा हो सकता है। अगर यही प्लॉक ब्रेन तक पहुंच जाए तो मैमोरी सैलों को नुक्सान हो सकता है और अल्जाइमर की बीमारी घेर सकती है। 


अल्सर की स्थिति हो सकती है घातक
डा. सचिन ने बताया कि सिगरेट, बीड़ी के साथ शराब का सेवन और तंबाकू या अन्य पान मसाले खाने वालों को तो अक्सर दांतों का संक्रमण होता ही रहता है। धूम्रपान या तंबाकू से ओरल कैंसर के काफी मामले सामने आते हैं। भारत में यह सबसे अधिक हैं। मुंह में अगर सफेद दाग से हो गए हैं या अल्सर होते रहते हैं तो यह स्थिति घातक साबित हो सकती है। 

 

यह ओरल कैंसर के संकेत हो सकते हैं। समय पर अगर ओरल कैंसर पकड़ में आ गया तो कम दिक्कत पेश आती है लेकिन अगर कैंसर की स्टेज आगे बढ़ गई तो स्थिति विकट हो सकती है। डा. गाबा ने बताया कि कैंसर के मरीजों में रेडियोथेरेपी या कीमोथैरेपी की जाती है जिससे मुंह में लार कम बनने लगती है। दवाएं भी मरीज पर कई प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। इससे भी दांतों या मसूड़ों में संक्रमण हो सकता है।  

 

ओरल हैल्थ के प्रति जागरूक करने के लिए लैक्चर 
डा. के. गाबा और डा. आशिमा ने बताया कि मंगलवार से विभाग में ओरल हैल्थ फॉर ओवरआल हैल्थ थीम पर कांफ्रैंस होने जा रही है। लैक्चर थिएटर वन में शाम 4 बजे से आम लोगों को ओरल हैल्थ के प्रति जागरूक करने के लिए लैक्चर रखा है। इसमें शामिल होकर आम लोग भी डाक्टरों के पैनल से सवाल पूछ सकते हैं। ओरल हैल्थ के डाक्टरों के अलावा इंटर्नल मैडीसिन के डाक्टर पैनल में लोगों के पूछे गए सवालों का जवाब देंगे। 

 

कोल्ड ड्रिंक या मिठाई का एसिडिक बेस घटा देती है पी.एच. वैल्यू
डा. के गाबा, डा. विद्यारत्न, डा. सुधीर भंडारी. डा. अर्पित और डा. उमेश ने बताया कि प्लॉक कंट्रोल करने के लिए दांतों में बैक्टीरिया की लेयर लगाई जाती है। एसिडिक तत्व वाले खाद्य पदार्थों जैसे कोल्ड ड्रिंक, मिठाई या चॉकलेट आदि से मुंह की पी.एच. वैल्यू कम हो जाती है जिसे फिर ठीक होने में कम से कम 1 घंटे तक का समय लग जाता है। 

 

ऐसे में कोल्ड ड्रिंक नहीं पीनी चाहिए। अगर मिठाई या चॉकलेट खानी भी है तो खाने के साथ एक बार ही खा लेनी चाहिए। बार-बार दिन में मीठा नहीं खाना चाहिए। मुंह में संक्रमण न हो इसके लिए फ्लोराइड युक्त पेस्ट का इस्तेमाल करें। अपने दांतों का डाक्टर से एक समय बाद रैगुलर चैकअप करवाते रहें। 

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