Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 10:52 PM
पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता हरमोहन धवन ने शहर के व्यापारियों व रेहड़ी-फड़ी वालों के बीच चल रहे तनाव पर चिंता प्रकट की है। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा है कि प्रशासनिक संवेदनहीनता ऐसी ही रही तो शहर के व्यापारी और रेहड़ी-फड़ी वालों के...
चंडीगढ़, (राय) : पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता हरमोहन धवन ने शहर के व्यापारियों व रेहड़ी-फड़ी वालों के बीच चल रहे तनाव पर चिंता प्रकट की है। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा है कि प्रशासनिक संवेदनहीनता ऐसी ही रही तो शहर के व्यापारी और रेहड़ी-फड़ी वालों के बीच खूनी संघर्ष भी हो सकता है। जैसा कि पिछले दिनों शास्त्री मार्कीट सैक्टर-22 और सैक्टर-19 मार्कीट में हुआ।
यदि प्रशासन की कार्यशैली में बदलाव नहीं आया तो शहर अराजक हालात में पहुंच जाएगा, जो स्थानीय जनता के लिए शुभ संकेत नहीं है। धवन ने प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि स्ट्रीट वेंडर एक्ट वर्ष 2014 में बना। एक्ट बनने के चार साल बाद भी इसे अमलीजामा पहनाने में प्रशासन बुरी तरह से विफल रहा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा के वरिष्ठ नेता हरमोहन धवन के अनुसार 2014 में वैंडिंग एक्ट को बनाया गया था। ताकि गरीब लोगों को रोजगार मिल सके। इसके तहत एक निश्चित समय सीमा में स्ट्रीट वैंडरों को लाइसैंस दिलाकर विभिन्न सैक्टरों में उपयुक्त जगह देने की बात कही गई थी।
इसके बावजूद प्रसाशन न तो रेहड़ी-फड़ी वालों का लाइसैंस और न ही इनके लिए कोई जगह निर्धारित की गई है। प्रशासन के इसी निट्ठलेपन के कारण मजबूरी में सैंकड़ों रेहड़ी-फड़ी वालों को बूथों, शोरूमों या अन्य दुकानों के आगे बैठना पड़ रहा है।
अब हालात यह है कि व्यापारियों और रेहड़ी-फड़ी वालों के बीच संघर्ष जैसी स्थिति पैदा हो गई है। धवन ने दवा किया है कि जिस प्रकार सैक्टर-22, सैक्टर-19 और सैक्टर-17 की मार्कीट में आंदोलन चल रहा है। अब यही आंदोलन शहर भर में फैल रहा है। धवन ने प्रशासन की इस बात को लेकर आलोचना भी की कि जिन समस्याओं को आला अधिकारी अपने स्तर पर सुलझा सकते हैं, उसमें हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ता है। प्रशासन की इस विफलता पर भी शहर की जनता नाराज है।