Edited By ,Updated: 27 Sep, 2016 01:23 AM
अक्तूबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना (सांझी) को लांच किया था। इसके तहत सभी सांसद को 2019 तक तीन गांव अडॉप्ट करके उन्हें डिवैल्प करने की योजना तैयार थी।
चंडीगढ़, (विजय): अक्तूबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना (सांझी) को लांच किया था। इसके तहत सभी सांसद को 2019 तक तीन गांव अडॉप्ट करके उन्हें डिवैल्प करने की योजना तैयार थी। चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने पहले फेज में तो सारंगपुर को अडॉप्ट कर लिया लेकिन दूसरे फेज में कौन से गांव उन्होंने चिन्हित किए हैं इसकी जानकारी केंद्र सरकार को नहीं है।
सांसद का दावा है कि दूसरे फेज में रायपुर कलां और मक्खन माजरा को अडॉप्ट कर लिया गया है लेकिन सांझी की वैबसाइट में साफ तौर से दिखाया गया है कि चंडीगढ़ की सांसद ने दूसरे फेज में कोई गांव अडॉप्ट नहीं किया। यह लिस्ट हाल ही में सांझी द्वारा जारी की गई है, जिसकी रिपोर्ट भी सांझी ने अपनी वैबसाइट में अपलोड की हुई है। इस लिस्ट में केवल पहले फेज में सारंगपुर को ही अडॉप्ट करने की बात कही गई है।
2014 तक डिवैल्प करने हैं 5 गांव
इस योजना के तहत जो प्लानिंग की गई है, उसके अनुसार 2014 तक किरण खेर को पांच गांव अडॉप्ट करने के बाद उन्हें डिवैल्प भी करना है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा कुछ पैमाने भी तय किए गए हैं, जिसके आधार पर फैसला होगा कि गांव को कितना डिवैल्प किया गया है। चंडीगढ़ में कुल 22 गांव हैं। इनमें से केवल 9 गांव ही नगर निगम के अंतर्गत आते हैं। इन गांव को सैक्टर और नॉन सैक्टर में विभाजित किया गया है। सांसद को उन्हीं 9 गांव में से किसी एक चुनना है, जो निगम के अंतर्गत आते हैं।
सांसद का इंतजार कर रहे गांववासी
सांसद को इस योजना के तहत एग्रीकल्चर, हैल्थ, एजुकेशन, सैनीटेशन, वातावरण और आजीविका पर मुख्य फोकस रखना होगा। यही वजह है कि मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे गांव के लोग भी सांसद द्वारा अडॉप्ट किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि निगम द्वारा गांव को दरकिनार कर दिया गया है इसलिए अगर सांसद उनके गांव को अडॉप्ट कर लेंगी तो कुछ सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी।