GMCH-32 डायरैक्टर के कड़े निर्देश, ऐसा करती पाई गईं नर्सिज तो होगी सख्त कार्रवाई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jun, 2017 08:11 AM

the strict instructions of the gmch 32 director

गवर्नमैंट मैडीकल कालेज एंड हॉस्पिटल सैक्टर-32 में नर्सिज ड्यूटी के दौरान मोबाइल में मशगूल रहती हैं।

चंडीगढ़ (अर्चना) : गवर्नमैंट मैडीकल कालेज एंड हॉस्पिटल सैक्टर-32 में नर्सिज ड्यूटी के दौरान मोबाइल में मशगूल रहती हैं। जब नाइट शिफ्ट में ड्यूटी का नंबर आता है तो आकस्मिक अवकाश भेज देती हैं। हॉस्पिटल में नर्सिज के इस रवैये की वजह से पेशैंट केयर प्रभावित होती देख डायरैक्टर प्रिंसीपल प्रो. ए.के. जनमेजा ने सारे विभागों के एच.ओ.डी. को निर्देश जारी करते हुए साफ-साफ कहा है कि भविष्य में कोई भी नर्स ड्यूटी के दौरान पेशैंट केयर की बजाय मोबाइल में व्यस्त दिखी या नाइट शिफ्ट की ड्यूटी आने पर छुट्टी ली तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

 

सूत्रों की मानें तो अस्पताल में मौजूदा समय में करीब 600 नर्सेज कार्यरत हैं। उनमें से कुछ ऐसी नर्सिज भी हैं जो पेशैंट केयर देने की बजाय अपने मोबाइल पर फेसबुक और व्हाट्सअप पर मैसेजिंग में बिजी रहती हैं। पेशैंट को दवा देने या ग्लुकोज की बोतल बदलने के लिए पेशैंट्स ने कहा भी तो मोबाइल में बिजी रहने वाली नर्स पेशैंट को हड़का देती हैं।

 

यही नहीं कुछ नर्सिज ने हॉस्पिटल में यह नियम बना लिया था कि जब भी उनकी नाइट शिफ्ट में ड्यूटी लगती थी तो नर्स ड्यूटी करने की बजाय घर से आकस्मिक गृह कार्य का बहाना बनाकर घर बैठ जाती थीं और जब हॉस्पिटल में उस नर्स के स्थान पर कोई अन्य नर्स ना मिलने पर छुट्टी लेने वाली नर्स से संपर्क किया जाता था तो नर्स फोन तक नहीं उठाती थी या फोन ही स्विच ऑफ मिलता था। यहां तक की नर्स के पते तक पहुंचने की कोशिश की गई तो नर्स का पता भी गलत था। नर्सिज ने अपने नए पते तक हॉस्पिटल में अपडेट नहीं किए हुए थे।


 

नर्सिज को चार्जशीट भी किया जा चुका है 
नर्सिज के इस व्यवहार से हॉस्पिटल प्रबंधन ने विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी विभाग संबंधित नर्सेज को साफ तौर पर यह बता दें कि नर्सिज के इस व्यवहार को भविष्य में सहन नहीं किया जाएगा और ऐसा करने वाली नर्सिज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दो माह पहले ही अस्पताल के कुछ नर्सिज को गलत व्यवहार की वजह से चार्जशीट भी किया गया था, क्योंकि नर्सेज यूनियन के आह्वान पर अपनी कुछ मांगों को लेकर न सिर्फ नर्सिज ने आंदोलन में हिस्सा लिया था, बल्कि नर्सिंग इंचार्ज के कमरे में घुसकर खूब उत्पात भी मचाया था। यही नहीं ऐसे नर्सिज को भी पकड़ा था जो अस्पताल के पेशैंट्स को खुद की कैमिस्ट शॉप से दवाएं खरीदने के लिए मजबूर कर रहे थे। मामले की शिकायत चंडीगढ़ प्रशासन तक पहुंची थी, जिसके बाद होम सैक्रेटरी ने जांच के आदेश जारी किए थे। 


 

बदलाव बेहतरी के लिए जरूरी होते हैं
बदलाव बेहतरी के लिए होते हैं। नए निर्देश भी पेशैंट केयर बेहतर करने के लिए जारी किए गए हैं। कुछ ऐसी चीजें सामने आ रही थीं जिन पर ध्यान न दिया जाता तो पेशैंट केयर बुरी तरह से प्रभावित हो सकती थी। नाइट ड्युटी पर रहने वाली नर्सेज घर से छुट्टी का आवेदन भेज रही थीं, जबकि ऐसे समय में किसी दूसरी नर्स को ड्यूटी पर बुलाना मुमकिन नहीं था। नर्सेज को छुट्टी के दौरान संपर्क किया जाए तो वह फोन तक उठाना पसंद नहीं करतीं, जबकि ड्यूटी के दौरान फोन पर ज्यादा समय व्यतीत करती हैं। मोबाइल के जरिए बहुत दफा नर्सिज को पेशैंट केयर के लिए संपर्क किया जाता है इसलिए मोबाइल ड्यूटी के दौरान स्विच ऑफ नहीं किए जा सकते। ऐसा सारी नर्सिज नहीं करती हैं, परंतु कुछ ऐसी नर्सिज हैं जिनकी वजह से ऐसे निर्देश जारी किए गए हैं। -प्रो. ए.के.जनमेजा, डायरैक्टर प्रिंसीपल, जी.एम.सी.एच.-32 
 

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