खराब रिजल्ट के लिए जिम्मेदार होंगे स्कूल के यह लोग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 08:26 AM

these people of the school will be responsible for the bad results

सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों के शिक्षा की जमीनी हकीकत जानने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से नैशनल अचीवमैंट सर्वे (एन.ए.एस.) परीक्षा आयोजित की जा रही है।

चंडीगढ़ (रोहिला): सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों के शिक्षा की जमीनी हकीकत जानने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से नैशनल अचीवमैंट सर्वे (एन.ए.एस.) परीक्षा आयोजित की जा रही है। परीक्षा 13 नवंबर को देशभर के स्कूलों के साथ चंडीगढ़ के स्कूलों में भी होगी। पिछले वर्ष स्टेट लैवल पर यह अचीवमैंट सर्वे आयोजित किया गया था, जिसमें जिसमें चंडीगढ़ का रिजल्ट मात्र 38 प्रतिशत ही आया था जो अन्य राज्यों के मुकाबले खराब था। पिछले वर्ष हुए इस सर्वें में जो बात उभरकर सामने आई थी वह यह थी सैक्टर के सरकारी स्कूलों के मुकाबले पेरीफेरी ऐरिया के स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों का रिजल्ट काफी अच्छा रहा था। 

 

हालांकि इस बार शिक्षा विभाग इस बार के नैशनल एचीवमैंट सर्वे को लेकर काफी गंभीर दिख रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि एजुकेशन सैक्रेट्री की तरफ से पिछले दिनों पहले ही मिटिंग कर कड़े निर्देश दे दिए थे कि अगर किसी भी स्कूल का परिणाम सर्वें में अच्छा नहीं रहा तो उसके लिए स्कूल हैड व प्रिंसिपल्स ही जिम्मेदार होंगे। इस कारण अगस्त में एजुकेशन सैक्रेट्री बी.एल. शर्मा  शर्मा द्वारा मिटिंग में उन सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल्स को फटकार भी लगाई थी, जिनका रिजल्ट खराब आया था। 

 

तीन कक्षाओं का होगा सर्वे
13 नवम्बर को आयोजित किया जाने वाला सर्वे तीन कक्षाओं का होगा। कक्षा तीसरी, पांचवी व आठवीं कक्षाओं का यह सर्वे होगा। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने पहले ही सभी स्कूलों को आगाह का दिया है कि अगर किसी भी स्कूल का रिजल्ट खराब आता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। नैशनल अचीवमेंट सर्वे-2017 में कक्षा तीसरी व पांचवीं के छात्र हिंदी, गणित पर्यावरण की परीक्षा देंगे। जबकि कक्षा आठवीं के छात्र हिंदी, गणित, विज्ञान सामाजिक विज्ञान के पेपर देंगे। बच्चों के सर्वे से बुनियादी शिक्षा क्षेत्र में रही कमियों का पता चल पाएगा। सरकार उन कमियों को दूर करने के लिए नई योजनाएं बनाएगी। 

 

छात्रों में जानकारी का किया जाए विकास
देशभर में आयोजित किए जा रहे इस सर्वे में जिन राज्यों की रिपोर्ट कमजोर होगी, उन राज्यों के लिए विशेष शिक्षा गुणवत्ता सुधार की योजना बनाई जाएगी। सर्वे में प्रत्येक राज्य से सैंपल के तौर पर कुछ स्कूल लिए जाएंगे, जिसमें विषयवार छात्रों के स्तर का पता लगाया जाएगा। इसी को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा संबंधित अधिकारियों को गुणवत्ता आदि को बेहतर रखने और सर्वे के लिए तमाम व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए हैं। 

 

स्कूल हैड्स अच्छे रिजल्ट्स के लिए लगा रहे जी जान
नैशनल अचीवमैंट सर्वे में कक्षा 3, 5 और 8वीं की शैक्षिक स्थिति परखी जाएगी। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर राज्यों की रैंकिंग तय होगी, जिनका परिणाम निराशाजनक रहेगा। उनसे कारण पूछा जाएगा और शैक्षिक सुधार की विशेष योजना बनाई जाएगी। शिक्षा विभाग ने भी सर्वे रिपोर्ट में लर्निग लेवल औसत से कम रहने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। 


 

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