Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 12:10 PM
यूरीन से संबधित समस्याओं के इलाज के बावजूद ज्यादातर मरीज अति सक्रिय मूत्राशय (ओवरएक्टिव ब्लैडर) की समस्या से परेशान रहते हैं।
चंडीगढ़(पाल) : यूरीन से संबधित समस्याओं के इलाज के बावजूद ज्यादातर मरीज अति सक्रिय मूत्राशय (ओवरएक्टिव ब्लैडर) की समस्या से परेशान रहते हैं। पी.जी.आई. यूरोलोजिस्ट डा. संतोष कुमार की मानें तो एक अनुमान के मुताबिक 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के छह में से एक व्यक्ति ओवर एक्टिव ब्लैडर (ओ.ए.बी.) की समस्या से परेशान रहता है।
इस बीमारी में व्यक्ति के यूरिन को कंट्रोल करने की क्षमता कमजोर पद जाती है जिसकी वजह से अचानक कभी भी यूरीन का प्रैशर बढ़ सकता है। कई मामलों में बाथरुम पहुंचने से पहले ही मरीज का यूरीन पास हो जाता है।
डाक्टर संतोष के अनुसार अगर कोई व्यक्ति 24 घंटे के दौरान आठ बार से ज्यादा यूरीन करता है तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि उसे यूरिन से संबंधी समस्या है। हालांकि यह समस्या बहुत ही सामान्य है लेकिन शर्म की वजह से लोग इसके बारे में डाक्टर्स से बात करने में हिचकते हैं जिसके कारण जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
जल्दी डायग्नोस, जल्दी इलाज :
डा. संतोष की मानें तो इस बीमारी में जितना जल्दी इस समस्या का पता चलेगा, उतना ही उसका इलाज आसान हो जाता है। इस बीमारी में मूत्राशय की मांसपेशियां दिमाग को गलत संदेश देती हैं जिसके कारण मूत्राशय के भरे होने का अहसास होता है जबकि वास्तव में यूरीन बैग भरा हुआ नहीं होता है।
डाक्टर्स की माने तो रोजाना कितनी बार और कितना ज्यादा यूरीन आप जाते है। इसके अलावा हर बार कितनी बार आपको यूरीन जाने की इच्छा होती है, इसका ध्यान रखना चाहिए। इन सबके बीच अगर यूरीन जाने की मात्रा बढ़ रही है तो तुरंत डाक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
इस बीमारी के इलाज के अनेक तरीके हैं जिसमें बेहतर लाइफ स्टाइल, आहार, दवा और सर्जरी भी शामिल है लेकिन जैसा कि विशेषज्ञ कहते हैं, सबसे महत्वपूर्ण अपने डाक्टर के साथ इस समस्या के लक्षणों के बारे में परामर्श करना है ताकि जल्दी इसका इलाज शुरू किया जा सके।