Edited By ,Updated: 25 Aug, 2016 07:49 AM
अब अगर कोई वी.आई.पी. काफिला शहर के किसी भी हिस्से में गुजरता है तो उससे शहर के लोगों को परेशानी से बचाना प्रशासन का पहला काम होगा।
चंडीगढ़, (विजय गौड़): अब अगर कोई वी.आई.पी. काफिला शहर के किसी भी हिस्से में गुजरता है तो उससे शहर के लोगों को परेशानी से बचाना प्रशासन का पहला काम होगा।
दो दिन पहले चंडीगढ़ के प्रशासक के तौर पर कार्यभार संभालने वाले वी.पी. सिंह बदनौर ने सोमवार को ही सभी अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दे डाले थे। बदनौर जब बुधवार को पहली बार यू.टी. सचिवालय में पहुंचे तो उन्होंने इस फैसले के पीछे का कारण भी बताया।
बकौल बदनौर ‘मैं जब एम.पी. था तो एक बार अपनी फैमिली के साथ कहीं जा रहा था। थोड़ी दूर पर लालकृष्ण अडवानी का काफिला जा रहा था। इस दौरान मेरी कार का टायर पंचर हो गया।
अडवानी जी बड़े नेता थे तो मुझे तुरंत वहां से कार हटाने के लिए कहा गया। मैंने कहा कि मुझसे टायर नहीं बदला जा रहा है। इस पर मुझसे काफी बदतमीजी से बात की गई। मेरी कोई नहीं सुन रहा था। उस समय मेरे दिमाग में आया कि यह वी.आई.पी. ट्रीटमैंट बंद करना चाहिए।
इसलिए चंडीगढ़ आते ही सबसे पहला काम मैंने यही किया।’ बदनौर ने यह भी कहा कि इस बारे में अमृतसर तक मैसेज पहुंचा दिया गया है। बुधवार को इसका असर शहर में दिखाई भी दिया।
वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार भविष्य में केवल राऊंड अबाऊट और ट्रैफिक लाइट्स में ही वाहनों को रोका जाएगा। बाकी के किसी भी रूट में कोई अड़चन नहीं आएगी। बदनौर ने बताया कि चंडीगढ़ में जब वह पहली बार आए तो उन्होंने देखा कि यहां आधे से एक मील दूर तक लोगों को रोका गया।
जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई। बदनौर ने कहा कि वह कुछ देर पहले पुलिस डिपार्टमैंट के अधिकारियों से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि आप लोग भी इस काम में लग जाओ कि कैसे लोगों को रोजगार के अवसर दिए जा सकते हैं। इसके लिए हथियार इस्तेमाल करने के लिए लोगों को ट्रेनिंग दी जा सकती है।
चंडीगढ़ बनेगा स्मार्टेस्ट, ह्यूमैन टच भी रहेगा बरकरार
बदनौर ने कहा कि बुधवार को केवल उनका ऑफिसर्स से इंट्रोडक्शन हुआ। सभी अधिकारियों से जल्द ही प्रैजैंटेशन ली जाएगी। सभी अधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। जिसके बाद अधिकारियों को फिर से बुलाया जाएगा।
अधिकारियों को 100 दिन, 6 महीने और 1 साल का प्लान तैयार करने के लिए कहा जाएगा कि अपने शहर को स्मार्टेस्ट कैसे बनाया जा सकता है। प्रशासक ने कहा कि वह यहां इंटरनैशनल लेवल की सुविधाएं देना चाहते हैं।
चंडीगढ़ को ग्रीन, ब्यूटीफुल और ली-कार्बूजिए की जो सोच वाली सिटी के तौर पर रखा जाएगा, लेकिन इसमें ह्यूमैन टच भी बरकरार रखा जाएगा। वी केयर यू के कांसैप्ट को देखते हुए शहर में लोगों के चेहरों में मुस्कान कायम रखने की पूरी कोशिश की जाएगी। फिजिकली चैलेंज्ड, सीनियर सिटीजंस और स्कूल्स पर पहला फोकस रहेगा।
कोपेनहेगन का कांसैप्ट लाया जाएगा
क्लाइमेट चेंज में बदनौर ने काफी इंटरनैशनल कांफ्रेंस में भाग लिया है। उन्होंने कहा कि यूरोपियन कंट्रीज ने ग्रीन सिटी का कांसैप्ट तैयार किया है। कोपेनहेगन को यूरोप की ग्रीन सिटी कहा जाता है।
वहां के कांसैप्ट के तहत चंडीगढ़ की ग्रीनरी भी बढ़ाई जा सकती है। ग्रीन सिटी के साथ ही सोलर, एयर पॉल्यूशन और ध्वनी प्रदूषण के कांसैप्ट को भी स्टडी करना होगा।
सोसायटी के लिए कंट्रीब्यूट करें लोग
इंगलैंड के ब्रिस्टल में विजिट के बारे में बदनौर ने कहा कि वहां पर वे लोग काफी एक्टिव हैं जिन्होंने अपनी लाइफ में बहुत पैसा कमाया और अब वह उसी सोसायटी को कंट्रीब्यूट कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें उस मुकाम तक पहुंचाया है।
दरअसल वे सभी वालंटियर्स हैं। वहीं वालंटियर्स सिस्टम चंडीगढ़ में भी शुरू करने की तैयारी की जा रही है। सबसे पहले यह प्लानिंग करनी होगी कि जो लोग अपनी जिंदगी में काफी कमाने के बाद खाली बैठे हैं उन्हें वापस कैसे लाया जाए?
जनता दरबार की जगह लेंगे सजेशन बॉक्स
जब प्रशासक से पूछा गया कि शिवराज पाटिल के बाद क्या फिर से यू.टी. सचिवालय में पब्लिक दरबार को देखा जा सकेगा? इस पर उन्होंने कहा कि इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए सैक्रेटरिएट में विभिन्न जगहों पर सजेशन बॉक्स लगा दिए गए हैं। जिसमें लोग अपनी शिकायत और सुझाव डाल सकते हैं।
परिमल राय ने कहा कि प्रशासन की आधिकारिक वैबसाइट में भी लोगों के सुझाव के लिए सजेशन साइट खोली जाएगी। वहां से सुझाव सैक्रेटरी आई.टी. के पास पहुंचेंगे। प्रशासक ने कहा कि अब यह तय किया जाएगा कि जो कोई भी पॉलिसी बनती है तो उसके साथ रूल्स भी फ्रेम किए जाएंगे।