Edited By ,Updated: 30 Jul, 2016 04:07 PM
दरअसल, बीते वीरवार सेक्टर-38 वेस्ट निवासी महिला रमनीत ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए सेक्टर-23 ट्रैफिक पार्क में टेस्ट देने पहुची थी।
चंडीगढ़ : दरअसल, बीते वीरवार सेक्टर-38 वेस्ट निवासी महिला रमनीत ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए सेक्टर-23 ट्रैफिक पार्क में टेस्ट देने पहुची थी। रमनीत ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से डिजाइन अपनी महंगी कार से पहुंची, इस दौरान उनकी कार पर टेंपरेरी नंबर लगा था। मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर ने उन्हें गुरिंदर सिंह ने उन्हें रेगुलर नंबर की कार लाने को कहा। रेगुलर नंबर की बात सुनते ही रमनीत को गुस्सा आया गया और उनकी गुरिंदर सिंह से बहस हो गई।
नियमों के मुताबिक रिकॉर्ड में चालक की वाहन के साथ फोटो होना आवश्यक है। गुरिंदर सिंह के मुताबिक महिला ने आपे से बाहर होकर उनसे गाली-गलौच की और बेवजह उन्हें परेशान किया। उन्होंने बताया कि रमनीत उनसे नियमों के खिलाफ उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट देने को मजबूर करना चाह रही थी। जबकि उन्हें केवल रेगुलर नंबर की कार लाने को कहा गया था।
रमनीत के मुताबिक वह शारीरिक रूप से दिव्यांग है, क्योंकि उनकी एक बाजू झुलसी हुई है। रमनीत ने बताया कि वह रेगुलर नंबर की कार कहां से लेकर आए ,जब उन्हें आरसी मिली ही नहीं है। इस प्रकार उन्हें दिव्यांग होने के चलते प्रक्रिया में जो छूट मिलनी होती है वह नहीं मिलेगी,तो क्या करेंगी। रमनीत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि उनके पास रेगुलर ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है लेकिन जब उन्हें दिव्यांग होने पर विशेष छूट मिलने का प्रावधान है तो फिर उन्हें बेवजह तंग क्यों किया जा रहा है।