Edited By ,Updated: 15 Feb, 2016 10:02 AM
छल कपट से दूर
श्रुतवन्तमुपधाशुद्धं मन्त्रिणं कुर्यात्।
ज्ञानी और छल-कपट से रहित शुद्ध मन वाले व्यक्ति को ही मंत्री बनाएं। राजा को चाहिए कि वह ऐसे व्यक्ति को अपना मंत्री बनाए जो राजनीति,
छल कपट से दूर
श्रुतवन्तमुपधाशुद्धं मन्त्रिणं कुर्यात्।
ज्ञानी और छल-कपट से रहित शुद्ध मन वाले व्यक्ति को ही मंत्री बनाएं। राजा को चाहिए कि वह ऐसे व्यक्ति को अपना मंत्री बनाए जो राजनीति, दंडनीति, तर्कशास्त्र और न्याय करने में कुशल हो। ऐसे व्यक्ति को बार-बार परीक्षा करके भली-भांति परख लेना चाहिए। ऐसा व्यक्ति उत्तम चरित्र धारण करने वाला और छल-कपट से शून्य हो।
चाणक्य नीति के ग्यारहवें अध्याय में कहा गया है-
जो व्यक्ति एक साल तक भोजन करते समय भगवान् का ध्यान करेगा और मुंह से कुछ नहीं बोलेगा उसे एक हजार करोड़ वर्ष तक स्वर्ग लोक की प्राप्ति होगी।