Edited By ,Updated: 27 Dec, 2015 10:55 AM
अविनीतस्वामिलाभादस्वामिलाभ: श्रेयान्।
अविनीत स्वामी के होने से तो अच्छा स्वामी का न होना है।
अविनीतस्वामिलाभादस्वामिलाभ: श्रेयान्।
अविनीत स्वामी के होने से तो अच्छा स्वामी का न होना है। राजा यदि विनम्र नहीं है तो ऐसे राजा के होने से तो राजा का न होना ही ठीक है। नेता यदि अविवेकी और दुष्ट प्रवृत्ति का है तो वह कभी भी अपनी प्रजा का भला नहीं कर सकता। वह देश को सदैव नुक्सान ही पहुंचाएगा।