Edited By ,Updated: 09 Jul, 2016 01:56 PM
आधुनिक समय में लोग धन प्राप्ति के लिए अधिक से अधिक कार्य अौर मेहनत करते हैं फिर भी कुछ लोगों को उनके मन अनुसार फल की प्राप्ति
आधुनिक समय में लोग धन प्राप्ति के लिए अधिक से अधिक कार्य अौर मेहनत करते हैं फिर भी कुछ लोगों को उनके मन अनुसार फल की प्राप्ति नहीं होती। आचार्य चाणक्य ने बहुत सी नीतियों का उल्लेख किया है जिन्हें अपने जीवन में प्रयोग करने से सफलता पाई जा सकती है।
चाणक्य कहते हैं-
क: काल: कानि मित्राणि को देश: कौ व्ययागमौ।
कस्याऽडं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुंहु:।।
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में 6 बातों के बारे में बताया है कि जिनको ध्यान में रखने से असफल होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
* चाणक्य के अनुसार समझदार अौर सफल व्यक्ति को समय की अच्छी परख होती है। जिसके तहत वह कार्य करता है। व्यक्ति को प्रत्येक स्थिति में धैर्य रखना चाहिए।
* हमें यह बात ज्ञात होनी चाहिए कि हमारे सच्चे अौर कपटी मित्र कौन हैं। शत्रुअों को पहचान कर उनसे दूरी बनाकर कार्य करने चाहिए। मित्रों में छिपे शत्रु को न पहचानने से काम में असफलता की प्राप्ति होती है। इस प्रकार के लोगों से दूरी रखनी चाहिए। सच्चे मित्रों की सहायता से ही सफलता मिलती है।
* जिस देश में हम रहते हैं, कार्य करते हैं, उसके बारे में ज्ञात होना चाहिए कि वहां का स्थान, शहर, लोग अौर हालात किस प्रकार के हैं। इन बातों का ध्यान रखने से असफलता नहीं होती।
* समझदार व्यक्ति को अपनी आय और व्यय की भी जानकारी होनी चाहिए। व्यक्ति को अपनी आय के अनुसार ही खर्च करना चाहिए। आय से ज्यादा खर्च करने पर व्यक्ति को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आय से अधिक खर्च न करने से धन संचय किया जा सकता है।
* हमारे प्रबंधक, कंपनी, संस्थान या बॉस की हमसे क्या आशाएं हैं, इस बात की जानकारी होनी चाहिए। हमें इस प्रकार कार्य करना चाहिए जिससे संस्था को लाभ की प्राप्ति हो। संस्था को फायदा होने से वहां कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी लाभ होता है।
* सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें यह ज्ञात होना चाहिए कि हम क्या-क्या कर सकते हैं। उन्हीं कार्यों को हाथ में लें, जिन्हें पूरा करने की आप में क्षमता हो। सामर्थ्य से अधिक कार्य हाथ में लेने से असफलता ही मिलती है। जिसके कारण संस्था अौर समाज में हमारी छवि पर बुरा असर पड़ता है।