चाणक्य नीति: राज्य को सुरक्षित रखने के लिए लें ऐसे राजा का आश्रय

Edited By ,Updated: 25 Sep, 2016 04:19 PM

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आचार्य चाणक्य का जन्म आज से करीब 1400 वर्ष पूर्व हुआ था। उन्होंने अपने जीवन से प्राप्त अनुभवों का उल्लेख ‘चाणक्य नीति’ में

आचार्य चाणक्य का जन्म आज से करीब 1400 वर्ष पूर्व हुआ था। उन्होंने अपने जीवन से प्राप्त अनुभवों का उल्लेख ‘चाणक्य नीति’ में किया। चाणक्य नीति 17 अध्यायों का ग्रंत हैं। आचार्य चाणक्य को राजनीति एवं कूटनीति में संपन्न अौर अर्थशास्त्र के विद्वान माना जाता है। उन्होंने अपने ज्ञान को स्वयं तक सीमित न रखकर चाणक्य नीति में लिखकर अपनी आने वाली पीढ़ियों को दिया। उनकी नीतियां जीवन में मुसीबतों से छुटकारा पाने के लिए प्रयोग की जा सकती हैं। राजनीति अौर अर्थशास्त्र के पितामाह आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में जीवन से संबंधित प्रत्येक पहलुअों का वर्णन किया है। चाणक्य के अनुसार शक्तिशाली का आश्रय लेकर सुरक्षित रहा जा सकता है।

 

चाणक्य कहते हैं-

शक्तिहीनो बलवंतमाश्रयेत्।


व्याख्या : यदि राजा शक्तिहीन है तो उसे किसी शक्तिशाली राजा का आश्रय लेकर अपने राज्य को सुरक्षित करना चाहिए।

 

 

 



 

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