चाणक्य नीति: शेर के इस गुण पर करेंगे अमल तो जरुर होंगे सफल

Edited By ,Updated: 16 Jun, 2016 12:18 PM

chanakya niti formula

आचार्य चाणक्य का जन्म आज से लगभग 2400 पर्ष पहले हुआ था। वह नालंदा विश्वविद्यालय के महान आचार्य थे। वह ‘चाणक्य नीति’ ग्रंथ के रचनाकर थे।

आचार्य चाणक्य का जन्म आज से लगभग 2400 पर्ष पहले हुआ था। वह नालंदा विश्वविद्यालय के महान आचार्य थे। वह ‘चाणक्य नीति’ ग्रंथ के रचनाकर थे। जिसमें उन्होंने खुशहाल जीवन के सूत्रों का उल्लेख किया है। जिनका प्रयोग करके हम सुखी जीवन यापन कर सकते हैं। जीवन में हर व्यक्ति सफल होना चाहता है और उसके लिए भरपूर प्रयास भी करता है। यदि आचार्य चाणक्य की सीख को अमल में लाया जाए तो व्यक्ति असफलता से कोसो दूर रहता है। 

आचार्य के अनुसार-

प्रभूतं कायमपि वा तन्नर: कर्तुमिच्छति।

सर्वारम्भेण तत्कार्यं सिंहादेकं प्रचक्षते।।

अर्थात- लक्ष्य प्राप्ति के लिए व्यक्ति को चाहिए कि वह पूरी ताकत लगाकर कार्य को करें।  जैसे शेर अपना शिकार करता है। ठीक वैसे अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हों।

 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि प्रत्येक कार्य को पूरी शक्ति अौर शिद्दत से करना चाहिए। किसी भी काम को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए उन्हें पूर्ण करने के लिए पूरी ताकत लगानी चाहिए। इस प्रकार कार्य करने से सफलता अवश्य मिलती है। जैसे शेर पूरी ताकत लगाकर अपने शिकार पर झपटता है अौर उसे भागने का अवसर नहीं देता। शेर की भांति ही हमें भी अपना लक्ष्य निर्धारित करके उसको पूरा करना चाहिए। काम में किसी तरह की चूक होने पर सफलता हमसे दूर जा सकती है।

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