चाणक्य नीति: राज्य में सुख-संपन्नता के लिए होना चाहिए ऐसी नीतियों का निर्माण

Edited By ,Updated: 15 Jul, 2016 11:35 AM

chanakya niti formula

आचार्य चाणक्य को अर्थशास्त्र का ज्ञाता कहा जाता है उन्होंने चाणक्य नीति अौर अन्य ग्रंथों की रचना की। चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र में ऐसी बातें बताई हैं,

आचार्य चाणक्य को अर्थशास्त्र का ज्ञाता कहा जाता है उन्होंने चाणक्य नीति अौर अन्य ग्रंथों की रचना की। चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र में ऐसी बातें बताई हैं, जिनकी पालना करके किसी भी व्यक्ति को सरलता से सफलता की प्राप्ति हो सकती है। उनके अनुसार राज्य से संबंधित ऐसी नीतियों का निर्माण करना चाहिए, जिससे वहां के लोगों को समृद्धि अौर सुख-शांति की प्राप्ति हो सके।
 
 
प्रजा की सुख-शांति के लिए
तन्त्रं स्वविषयकृत्येष्वायत्तम्।
 
 

तन्त्र (राज्य नीति) का संबंध केवल अपने राज्य को समृद्धि प्रदान करने वाले मामलों से होता है। राज्य में नीति-निर्धारण के लिए जो तंत्र होता है, उसका उद्देश्य अपने राज्य को आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रोन्नत करना होता है। जिससे प्रजा में सुख-शांति और संपन्नता बनी रहे। 

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