Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Aug, 2017 05:33 PM
नीति आयोग के निवर्तमान उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिय़ा ने कहा है कि...
नई दिल्ली : नीति आयोग के निवर्तमान उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिय़ा ने कहा है कि एयर इंडिया के कुछ कर्ज को बट्टे खाते में डालना बुद्धिमानी भरा कदम हो सकता है क्यों कि इससे इसे संभावित निवेशकों के लिये इसे आकर्षक बनाया जा सकता है।नीति आयोग के सुझाव के आधार पर सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी के निजीकरण के लिये कदम उठाया है और प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है
पनगढिय़ा ने बातचीत में कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि आपको खरीदार तलाशने के लिये कर्ज को बट्टे खाते में डालने की जरूरत है या नहीं। इस मामले में (कुछ कहने के लिए) सौदा परामर्शदाता सबसे योग्य व्यक्ति हैं।’’उन्होंने कहा,‘‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि एयर इंडिया के निजीकरण से पहले कर्ज का एक हिस्सा बट्टे खाते में डालना बुद्धिमानी भरा कदम हो सकता है।’’यह पूछे जाने पर कि क्या सरकारी विमानन कंपनी की बिक्री से पहले उसकी संपत्तियों को अलग करने की जरूरत है, पनगढिय़ा ने कहा, ‘‘नहीं। आप क्यों संपत्ति अलग करेंगे। एयरलाइन बेहतर तरीके से काम कर रही है।’’पनगढिय़ा इस माह के अंत में नीति आयोग को छोड़ देंगे और पठन-पाठन के लिये अमेरिका लौट जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में विस्तार से चीजों को सौदा सलाहकारों द्वारा सुलझाये जाने की जरूरत है। एयर इंडिया की जमीन और इमारत के संदर्भ में नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘जमीन-जायदाद एक अलग मुद्दा है। हमने कुछ सिफारिशें की हैं।’’ अस्थायी आंकड़ों का हवाला देते हुए नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने हाल ही में कहा था कि एयर इंडिया के ऊपर मार्च 2017 के अंत में 48,876.81 करोड़ रुपये का कर्ज था।