Edited By ,Updated: 15 Sep, 2016 12:03 PM
देश के दूरसंचार क्षेत्र में मर्जर (विलय) के अब तक के सबसे बड़े सौदे में रिलायंस कम्युनिकेशंस तथा एयरसैल ने अपने वायरलैस कारोबार को मिला कर एक नई कंपनी बनाने की घोषणा की है।
नई दिल्ली: देश के दूरसंचार क्षेत्र में मर्जर (विलय) के अब तक के सबसे बड़े सौदे में रिलायंस कम्युनिकेशंस तथा एयरसैल ने अपने वायरलैस कारोबार को मिला कर एक नई कंपनी बनाने की घोषणा की है। नई कंपनी के पास 65,000 करोड़ रुपए (9.7 अरब डालर) की संपत्ति होगी और नैटवर्थ 35,000 करोड़ रुपए (5.2 अरब डालर) होगा। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले ए.डी.ए.जी. समूह की आर.कॉम. और मलेशिया की मैक्सिस कम्युनिकेशंस बेर्हाड (एम.सी.बी.) की इस सांझा इकाई में दोनों भागीदारों की आधे-आधे की हिस्सेदारी होगी।
दोनों कंपनियों की निदेशक मंडल तथा समितियों में समान भागीदारी होगी। दोनों कंपनियों ने कहा कि इस सौदे से आर.कॉम. का कर्ज 20,000 करोड़ रुपए (3 अरब डालर) कम होगा जबकि एयरसैल के ऋण में 4,000 करोड़ रुपए (60 करोड़ डालर) की कमी आएगी।
चौथी सबसे बड़ी कंपनी अस्तित्व में आएगी
इस मर्जर से ग्राहक तथा आय के आधार पर देश की चौथी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी अस्तित्व में आएगी। नई इकाई स्पैक्ट्रम के मामले में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी होगी। कंपनी के पास 850, 900, 1800 तथा 2100 मैगाहर्ट्स बैंड में कुल 448 मैगाहर्ट्स स्पैक्ट्रम होगा। एम.सी.बी. के साथ मिलकर हमने भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में एकीकरण में अगुवाई की है और इससे हम काफी खुश हैं। पहले, आर.कॉम. ने एस.एस.टी.एल. (सिस्तेमा: एम.टी.एस.) के वायरलैस कारोबार का अधिग्रहण और अब एयरसैल के विलय से एम.सी.बी. के साथ हमारा 50:50 का संयुक्त उद्यम बना है।
- अनिल अंबानी, चेयरमैन (ए.डी.ए.जी. ग्रुप)