मंदिर में पूजा के बाद अभिमंत्रित जल सभी भक्तों पर छिड़का जाता है जानें, कारण

Edited By ,Updated: 02 Oct, 2015 10:15 AM

article

जिस समय कोई पाठ-पूजा या अन्य धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है, उस समय शंख में जल भरकर देव स्थल पर रख दिया जाता है। इस पर चंदन का तिलक भी अच्छी प्रकार कर देते हैं।

जिस समय कोई पाठ-पूजा या अन्य धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है, उस समय शंख में जल भरकर देव स्थल पर रख दिया जाता है। इस पर चंदन का तिलक भी अच्छी प्रकार कर देते हैं। 

जब चंदन का टीका (तिलक) शंख के बाह्य आवरण पर भली प्रकार लगा देते हैं तो इसकी सुगंध उस जल तक पहुंचती रहती है। जल सुगंधित  होने लगता है। पूजा चलती रहती है। पाठ, पूजा, मंत्र, प्रार्थना, सबका प्रभाव जल को अमृत बना देता है।

अब यह पवित्र जल लोगों पर छिड़कने योग्य हो चुका होता है। शंख में रखा यह जल वहां उपस्थित भक्तों पर छिड़कना चाहिए। 

पंडित जल छिड़कते हुए मंत्रों का उच्चारण भी किया करते हैं। पहले इस जल को पूजा से जुड़े पूरे सामान पर छिड़कें, बाद में वहां पर उपस्थित श्रोताओं, भक्तों पर। शंख में रखा जल जब मंत्रों के उच्चारण के साथ छिड़का जाता है तो यह अभिमंत्रित जल अधिक उपयोगी हो जाता है। वहां की पूरी सामग्री, बांटने के लिए रखा प्रसाद तथा वहां की हर वस्तु पवित्र हो जाती है। हिन्दू धर्म में आस्था का विशेष महत्व मिलता है। यह कार्य भी जरूर फलीभूत होता है। 

  —सुदर्शन भाटिया 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!