सावधान! रूहें और पिशाच निवास करते हैं यहां

Edited By ,Updated: 06 Oct, 2015 12:21 PM

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भारतीय परलौकिक शास्त्रों के अनुसार भूत-प्रेतों का निवास कुछ विशेष वृक्षों एवं स्थानों पर माना गया है।

भारतीय परलौकिक शास्त्रों के अनुसार भूत-प्रेतों का निवास कुछ विशेष वृक्षों एवं स्थानों पर माना गया है। 

पीपल वृक्ष:- शास्त्रों में पीपल के पेड़ पर देवताओं एवं प्रेतों, दोनों का निवास माना गया है। अतः कभी भी पीपल के पेड़ नहीं काटने चाहिए। इसी कारण हर प्रकार के कष्ट एवं दुख को दूर करने हेतु इसकी पूजा अर्चना करने का विधान है। 

मौलसिरी के पेड़ पर भी भूत-प्रेतों का निवास माना गया है। 

कीकर के पेड़ पर भी भूत-प्रेत निवास करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि तुलसीदास ने इस वृक्ष में रोज पानी डालकर इस वृक्ष पर रहने वाले प्रेत को प्रसन्न कर उसकी मदद से हनुमान जी के दर्शन प्राप्त कर प्रभु श्री राम से मिलने का सूत्र पाया था। 

जल में भूत-प्रेतों का निवास होता है। इसलिए किसी भी नदी-तालाब में निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए। 

श्मशान, कब्रिस्तान व मरघट पर भी प्रेत का निवास रहता है।

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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