Edited By ,Updated: 22 Sep, 2016 01:06 PM
विवाह संस्कार के बाद पति और पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का हो जाता है। घर-गृहस्थी हो या सामाजिक जीवन दोनों जगह ही महिलाओं की भूमिका अहम है।
विवाह संस्कार के बाद पति और पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का हो जाता है। घर-गृहस्थी हो या सामाजिक जीवन दोनों जगह ही महिलाओं की भूमिका अहम है। शुद्ध आचरण वाली महिला अपने सदगुणों की महक से घर-परिवार की बगिया को महकाती है। परिवार में सुख, शांति का माहौल बना रहे इसके लिए द्रौपदी से सीख लें। महाभारत में द्रौपदी ने सत्यभामा को बताई थी कुछ खास बातें जिससे अगर महिलाएं अपना लें तो उनके पति हमेशा उनसे खुश रहेंगे।
कुछ काम ऐसे होते हैं जो सुहागन महिलाओं को नहीं करने चाहिए-
* बहुत सारी महिलाएं तंत्र-मंत्र, औषधि आदि के द्वारा पति को वश में करने का प्रयत्न करती हैं ऐसा न करें। पति को ये बात पता चल जाए तो वैवाहिक संबंध तो खराब होते ही हैं साथ ही बुरे काम का बुरा फल ही प्राप्त होता है।
* सदा वही बात करें जिससे किसी को खुशी मिले। जिससे किसी का अपमान हो या उसे दुख मिले ऐसी बात नहीं करनी चहिए।
* द्रौपदी सत्यभामा को बताती हैं कि मैंने शादी के बाद सबसे पहले अपने पांडव परिवार के सभी रिश्तों की जानकारी प्राप्त करी। ससुराल के सभी रिश्तों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। एक भी रिश्ता चूकना नहीं चाहिए।
* सुखी दांपत्य जीवन को बनाए रखने के लिए महिलाओं को बुरे आचरण वाली और चरित्रहीन महिलाओं का संग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उनकी गृहस्थी में समस्याएं आती हैं।
* किसी भी काम में आलस्य नहीं करना चाहिए। बिना समय गंवाए जो भी काम हो उसे पूरा कर लेना चाहिए। अपने काम में दक्ष पत्नी सदा पति की प्रिय बन कर रहती है।
* महिलाओं का दरवाजे पर खड़े रहना या खिड़की से झांकते रहना अच्छा नहीं होता समाज में उनको हेय दृष्टि से देखा जाता है।
* अनजाने लोगों से बातचीत करना अच्छा नहीं होता।
* ससुराल के किसी भी सदस्य की निंदा न करें।