आपके पास हैं यह चीजें तो जीते जी अप्सरा संग लें स्वर्ग का मजा

Edited By ,Updated: 03 Feb, 2016 10:51 AM

nymph heaven

संसारिक यात्रा पूरी करने के बाद प्रत्येक जीव आत्मा स्वर्ग में जाने की इच्छा रखती है। जहां उसे सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध हों। हमारे धार्मिक शास्त्रों में वर्णित है की स्वर्ग और नरक में स्थान जीवनकाल में किए गए कर्मों के अनुसार प्राप्त होता है। जहां नरक...

संसारिक यात्रा पूरी करने के बाद प्रत्येक जीव आत्मा स्वर्ग में जाने की इच्छा रखती है। जहां उसे सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध हों। हमारे धार्मिक शास्त्रों में वर्णित है की स्वर्ग और नरक में स्थान जीवनकाल में किए गए कर्मों के अनुसार प्राप्त होता है। जहां नरक में विभिन्न प्रकार की यातनाएं होती हैं वहीं स्वर्ग में अप्सराओं संग समस्त सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। ईश्वर की कृपा से कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके पास यह चीजें हो तो उन्हें जीते जी अप्सरा संग स्वर्ग का मजा प्राप्त होता है।

जिस व्यक्ति की पत्नी मन, वचन और कर्म से पवित्र होती है। जीवन में जैसी भी परिस्थितियां हों पति से कोई विभेदन नहीं करती, उसे खुश रखने का भरपूर प्रयास करती है कभी भी उसका मन नहीं दुखाती। पति के उच्छिष्ट अन्न आदि को परम प्रिय भोजन मानकर ग्रहण करती है और पति जो कुछ दे, उसे महाप्रसाद मानकर शिरोधार्य करती है। जो पत्नी घर के कामों में निपुण हो और घर गृहस्थी सुचारू रूप से चलाते हुए परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर सकती हो पति से कोई भी बात न छिपाती हो और हमेशा सच का आचरण रखती हो। ऐसे गुणों वाली पत्नी ही धरती पर अप्सरा का रूप होती है। जो घर को स्वर्ग बना कर रखती है। 

यदि शरीर स्वस्थ है, किसी प्रकार का कोई रोग नहीं है, घर में भी सभी निरोग और स्वस्थ हैं जरूरत के अनुसार आय भी है परंतु यदि पुत्र सुख न हो तो उस व्यक्ति का पारिवारिक जीवन नरक बन जाता है जिस घर में, परिवार में वंश को आगे बढ़ाने वाला पुत्र न हो वहां सारे सुख व्यर्थ हो जाते हैं। वे लोग बहुत ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें सुपुत्र की प्राप्ति होती है। जो माता-पिता का आदर करता है और समाज में उनका नाम रोशन करता है। उनका वंश आगे बढ़ाता है।

बेटी होनहार हो सकती है, बहुत नाम कर सकती है लेकिन वह आपके वंश को आगे नहीं चला सकती। इसी प्रकार पुत्र का सबसे बड़ा कर्तव्य ही पुन: पुत्र उत्पन्न कर पितृ ऋण से मुक्त होना है। इसी  प्रकार पुत्र संतान भी हो लेकिन कपूत हो, आज्ञा नहीं मानता हो तो ऐसी संतान से निरंतर अपमान सहना पड़ता है, लोगों की शिकायतें सुननी पड़ती हैं, घर का वातावरण भी दूषित हो जाता है। समाज में जो सम्मान अर्जित किया है वह भी बर्बाद  हो जाता है। जिन लोगों की ऐसी संतान होती है वे बड़े ही दुर्भाग्यशाली होते हैं। 

जीवनयापन करने के लिए धन का होना बहुत अवश्यक है। धन के अभाव में व्यक्ति का जीवन नरक के समान है।  

जिस व्यक्ति में दया और त्याग की भावना है वह लोक ही नहीं परलोक में भी मान-सम्मान और प्रत‌िष्ठा पाता है। 

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