अमंगल से बचने के लिए मंदिर जाते समय दूर रहें इन लोगों से

Edited By ,Updated: 14 Oct, 2016 03:46 PM

temple

वास्तुशास्त्री मानते हैं की प्रत्येक वस्तु अथवा स्थान में नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा होती है। वैसे ही हर व्यक्ति के ईर्द-गिर्द भी इन ऊर्जाओं का प्रभाव होता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके समीप जाने से अपार सुख-शांति का अहसास होता है, वहीं कुछ लोग...

वास्तुशास्त्री मानते हैं कि प्रत्येक वस्तु अथवा स्थान में नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा होती है। वैसे ही हर व्यक्ति के इर्द-गिर्द भी इन ऊर्जाओं का प्रभाव होता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके समीप जाने से अपार सुख-शांति का अहसास होता है, वहीं कुछ लोग अपनी बुरी आदतों और कर्मों के कारण नकारात्मकता फैलाते हैं। समाज में रहकर हर तरह के लोगों के संपर्क में रहना पड़ता है। मंदिर जाते वक्त, पूजन करते हुए अथवा भगवान का दर्शन करते समय कुछ ऐसे लोग हैं जिनसे दूरी बनाए रखने पर ही शुभ फल प्राप्त होते हैं। 


नास्तिक लोग: जिस व्यक्ति की अपने धर्म ग्रथों में आस्था और श्रद्धा न हो उनसे मंदिर जाते समय दूरी बना कर रखें। वह स्वयं तो पापों के भागी बनते ही हैं साथ में आपको भी अपने बुरे कर्मों का भागीदार बनाते हैं।


निंदा करने वाले: परनिंदा सुनने में तो बहुत मजा आता है लेकिन मन-मस्तिष्क में अशांति के भाव आ जाते हैं। शास्त्रों में वैष्णव निंदा को सबसे बड़ा पाप कहा गया है। निंदा करने से अधिक सुनने से पाप लगता है। जिनकी प्रवृति में निंदा करना है, वे किसी भी परिस्थिति में इस बुराई का त्याग नहीं कर सकते। समझदारी इसी में है की ऐसे लोगों से दूर रहें।   


लोभी: लोभ व्यक्ति का बहुत बड़ा दुश्मन है। लोभी व्यक्ति की भूख कभी शांत नहीं होती। समय के साथ- साथ वह बढ़ती जाती है। जिस व्यक्ति की प्रवृति में सात्विकता नहीं है, वह रजोगुणी और तमोगुणी है। ऐसे लोगों से ज्ञान की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। 


ईर्ष्या की भावना रखने वाला: जो व्यक्ति मीठा बनके आपके साथ व्यवहार करे लेकिन अंदर ही अंदर ईर्ष्या की भावना रखता हो वह कभी भी आपके जीवन में तूफान ला सकता है। मंदिर जाते समय स्वयं में मस्त रहें। अपने इष्ट का नाम स्मरण करते हुए मंदिर जाएं।


क्रोध: क्रोधी व्यक्ति का नाम लेते ही हमारे सामने एक ऐसा चेहरा आता है जिसकी आंखें लाल और भौंहें तनी होती हैं I क्रोध को भूत, अग्नि, चंडाल का नाम दिया जाता है I ऐसे बहुत सारे लोग हमारे जीवन का अभिन्न अंग होते हैं। जो हर छोटी-छोटी बात पर क्रोध करते हैं और इस अनचाहे मेहमान का बोझ दूसरों पर भी लादते हैं। यह क्रोध, टैंशन ,डिप्रैशन, रिश्तों में कड़वाहट, जीवन को बोझिल व आयु को छोटा बना देता है I मंदिर जाते समय ऐसे लोगों की संगत से दूर रहें। क्रोध को जीतने का सरल उपाय है अपने दिन की शुरुआत सकारात्मक सोच के साथ मन्दिर ,गुरूद्वारे जाकर अथवा घर में बैठ एकाग्रचित होकर परमात्मा को याद करें। 

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