आज का गुडलक- चार माह बाद जागेंगे श्री विष्णु, ये उपाय दूर करेंगे दुख-दरिद्रता

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 07:29 AM

आज मंगलवार दि॰ 31.10.17 को कार्तिक शुक्ल ग्यारस के उपलक्ष्य में देवउठनी एकादशी अर्थात प्रबोधिनी एकादशी मनाई जाएगी। आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव शयन करते हैं व कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन उठते हैं। अतः इसे देवोत्थान कहते हैं। इस दिन विष्णु क्षीर सागर...

आज मंगलवार दि॰ 31.10.17 को कार्तिक शुक्ल ग्यारस के उपलक्ष्य में देवउठनी एकादशी अर्थात प्रबोधिनी एकादशी मनाई जाएगी। आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव शयन करते हैं व कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन उठते हैं। अतः इसे देवोत्थान कहते हैं। इस दिन विष्णु क्षीर सागर में निंद्रा अवस्था से चार माह उपरांत जागते हैं। विष्णु के शयन के चार माह में सभी मांगलिक कार्य निषेध होते हैं। हरि के जागने के बाद ही मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। श्रीहरी को चार मास की योग-निंद्रा से जगाने हेतु घण्टा, शंख, मृदंग वाद्यों की मांगलिक ध्वनि के बीच श्लोक पढ़ें जाते हैं।


पद्मपुराण के उत्तरखण्ड के वर्णन अनुसार प्रबोधिनी एकादशी का व्रत करने से हजार अश्वमेध व सौ राजसूय यज्ञों का फल मिलता है। देवोत्थान की कथा के अनुसार नारायण ने लक्ष्मी से कहा मैं प्रति वर्ष चातुर्मास वर्षा ऋतु में शयन करूंगा। उस समय सर्व देवताओं को अवकाश होगा। मेरी यह निंद्रा अल्पनिंद्रा व प्रलयकालीन महानिंद्रा कहलाएगी। यह योगनिंद्रा भक्तों हेतु परम मंगलकारी रहेगी। जो लोग मेरे शयन व उत्थापन में मेरी सेवा करेंगे, मैं उनके घर में तुम्हारे सहित निवास करूंगा। प्रबोधिनी एकादशी के विशेष व्रत पूजन व उपायों से दुर्भाग्य समाप्त होता है तथा भग्यौदय होता है। दुख दरिद्रता घर से दूर होती है तथा घर में लक्ष्मी नारायण का वास होता है।  


विशेष पूजन विधि: भगवान विष्णु का षोडशोपचार पूजन करें। गौघृत में सिंदूर मिलाकर 11 दीपक प्रजवल्लित करें, 11 केले, 11 खजूर, और 11 गोल फल चढ़ाएं। गूगल धूप करें, कमल का फूल चढ़ाएं। रोली चढ़ाएं। घी-गुड़ का भोग लगाएं तथा तुलसी की माला से इस विशेष मंत्र से 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग किसी ब्राह्मण को दान कर दें।


पूजन मुहूर्त: दिन 11:42 से दिन 12:26 तक। (अभिजीत)


पूजन मुहूर्त: प्रातः 06:36 से प्रातः 07:06 तक। भद्रा रहित शुद्ध मुहूर्त। 


पूजन मुहूर्त: रात 20:20 से रात 21:20 तक। एकादशी रहित शुद्ध मुहूर्त।


पूजन मंत्र: ॐ श्रीमहाविष्णवे देवदेवाय नमः॥ 


आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त:
दिन 11:42 से दिन 12:26 तक।


आज का अमृत काल: रात 23:40 से रात 01:16 तक।


आज का राहु काल: दिन 14:48 से शाम 16:10 तक।


आज का गुलिक काल: दिन 12:04 से दिन 13:26 तक।


आज का यमगंड काल: प्रातः 09:20 से प्रातः 10:42 तक।


यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल उत्तर व राहुकाल वास पश्चिम में है। अतः उत्तर व पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।


वर्जित मुहूर्त: आज पृथ्वी वासनी भद्रा प्रातः 07:06 से शाम 18:55 तक रहेगी जिसमें शुभ कार्य वर्जित कहे गए हैं।


आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर:
नारंगी।


आज का गुडलक दिशा: दक्षिण।


आज का गुडलक मंत्र: ॐ अनिष्ट-विध्वंस-शीलाय नमः ।॥


आज का गुडलक टाइम: रात 20:20 से रात 21:20।


आज का बर्थडे गुडलक: दरिद्रता के नाश हेतु पीली सरसों सिर से वारकर श्रीहरि के समीप कर्पूर से जला दें।


आज का एनिवर्सरी गुडलक: पारिवारिक भग्यौदय हेतु केले के पेड़ का पूजन करके उसकी 365 परिक्रमा लगाएं।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: दुर्भाग्य से मुक्ति के लिए शालिग्राम जी का शहद से अभिषेक करें। 

आज के गुडलक में बस इतना ही। कल गुडलक में आपसे फिर मुलाकात होगी और हम आपको बताएंगे कैसे योगेश्वर द्वादशी व तुलसी विवाह पर कैसे होगा मांगलिक दोष समाप्त।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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