पितर ताली बजा बजा कर नृत्य करते हुए अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Sep, 2017 11:37 AM

ancestors clap their hands and bless their families

श्रीमद्भागवत कथा वह अमृत है, जिसके रस का पान करने से ही मनुष्य भवसागर के आवागमन चक्र से मुक्त हो जाता है तथा जिस भावना तथा कामना से कोई कथा का श्रवण करता है उसे फिर किसी वस्तु की कमी नहीं रहती।

श्रीमद्भागवत कथा वह अमृत है, जिसके रस का पान करने से ही मनुष्य भवसागर के आवागमन चक्र से मुक्त हो जाता है तथा जिस भावना तथा कामना से कोई कथा का श्रवण करता है उसे फिर किसी वस्तु की कमी नहीं रहती। श्रीमद्भागवत कथा तो वह कल्पवृक्ष है, जिससे कुछ भी प्राप्त कर पाना संसार में असंभव नहीं है।


यह जानकारी आज विश्व विख्यात भागवत कथा व्यास श्री गौरव कृष्ण जी महाराज ने श्री राधा कुंज बिहारी सेवा समिति की ओर से साईंदास स्कूल की ग्राऊंड में करवाए जा रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा ज्ञान यज्ञ में श्रीमद् भागवत कथा की महिमा सुनाते हुए दी। उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित ने स्वर्ग का अमृत पीने की बजाए श्रीमद् भागवत कथा का अमृत पान किया। 


आचार्य जी ने कहा कि संसार में दुलर्भ नर तन केवल खाने पीने, सोने आदि क्रियाओं के लिए नहीं बल्कि प्रभु को पाने के लिए मिला है। भगवान तो इतने कृपालु हैं कि वह भक्त की भावना को देखकर बिना मांगे ही सब कुछ दे देते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान ने श्रीमद्भगवद् गीता का उपदेश अर्जुन को नहीं बल्कि संसार के लोगों को दिया है ताकि वह भगवान को सदा याद करते हुए कर्म करते रहें, अपने जीवन के लक्ष्य को न भूलें तथा अपने-अपने कर्तव्य का पालन जिम्मेवारी से करते रहें, विजय अवश्य मिलेगी तथा मनुष्य का लक्ष्य संसार में आनंद के बिंदू को नहीं बल्कि आनंद के सिंधू को पाना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपनी जिम्मेवारियों से भागने की नहीं, जागने की जरूरत है। घर का त्याग करने वालों को भगवान नहीं मिल जाते। उन्होंने कहा कि संसार में सभी लोग जो कर्म करते हैं वह उनके लिए किसी युद्ध से कम नहीं है, पुरुष घर से बाहर व्यापार करते हैं, महिलाएं घर चलाती हैं, बच्चे पढ़ाई करते हैं, जब सभी लोग अपने कर्तव्यों का सत्य और ईमानदारी के साथ पालन करते हुए ठाकुर जी का भजन भी करते हैं तो बांके बिहारी जी स्वयं ही उनके पास आ जाते हैं तथा घर ही वृंदावन बन जाएगा। उन्होंने कहा कि घर में माता की सेवा और सत्कार करना भी सच्ची प्रभु भक्ति है।


गौरव कृष्ण जी ने कहा कि पितृ पक्ष में कथा की महिमा बताते हुए कहा कि श्राद्धों में भंवर लोक का द्वार 15 दिन के लिए खुल जाता है तथा इन दिनों में जब धरती पर लोग अपने पितरों के निमित्त दान देते हैं, कोई पुण्य कर्म करते हैं तो वह सीधा उनके पितरों के पास पहुंचता है जिससे वह प्रसन्न होकर ताली बजा बजा कर नृत्य करते हुए अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं, जिससे घर में खुशहाली आती है। आचार्य जी ने आत्मदेव की कथा सुनाते हुए अनेक भजन सुनाकर संगत को झूमने पर विवश कर दिया। 


इस अवसर पर विनोद वर्मा, बृजेश जुनेजा, अमित वर्मा, कृष्ण बेदी, सुरेश सेठी, रघुनाथ शर्मा, र्कीत भाम्बी, मरियम, निधि खन्ना, पूनम महाजन, प्रियंका ग्रोवर, अश्विनी मिंटा, डा. हर्ष वर्मा, जितेन्द्र शर्मा, दिनेश शर्मा, विकास बग्गा, मक्खन लाल शर्मा, सुभाष गुप्ता, सतीश गुप्ता, दिनेश जैन, उमेश अग्रवाल, यश मित्तल, नरेश बांसल, र्कीत अग्रवाल, इन्द्र अग्रवाल, अजय अग्रवाल, अरुण अग्रवाल, अशोक गुप्ता, सुरिन्द्र गुप्ता व अन्य मौजूद थे।


समारोह में शामिल गण्यमान्य 
पंजाब केसरी ग्रुप से श्री विजय चोपड़ा, पूर्व संसदीय सचिव के.डी.भंडारी, आई.जी. जोन अर्पित शुक्ला तथा फगवाड़ा नगर निगम के मेयर अरुण खोसला। मंच का संचालन करते हुए राम विलास ने बताया कि 16 सितम्बर तक प्रतिदिन सायं 5 से रात्रि 9 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा जारी रहेगी।


‘श्री राधा कुंज बिहारी सेवा समिति के संजीव वर्मा, गोपी वर्मा, विकास ग्रोवर, राजेश अग्रवाल, मेजर अरोड़ा, हेमंत थापर, दीपक, गौरव भल्ला, कमलजीत मल्होत्रा, राहुल महेन्द्रू, कमलजीत भल्ला, संजीव शर्मा, ईशू महेन्द्रू व अन्य ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। 

- वीना जोशी

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